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RKCL Exam Date 22 January 2023

Networking Basic Introduction Course | Networking Devices | Types Of Network | Hindi |

 


कंप्यूटर नेटवर्क क्या है – What is Network in Hindi

दो या दो से अधिक कंप्यूटर एक साथ जुड़ने को नेटवर्क कहा जाता है। आप उनके Wire या फिर Wireless में जोड़ सकते है डाटा शेयर करने के लिए। 



Wire Medium की बात करे तो वो twisted pair cable, Coaxial cable और Fiber Optics Cable में से कुछ भी हो सकता है। अगर Wireless Medium की बात करें तो वो Radio Wave, Bluetooth, Infrared, Satellite में से एक होगा।

एक Network बोहत सारे Computers, servers, Mainframe, Network Devices का collection होता है। जिसमे आम तोर पे data sharing का काम होता है। एक Network का सबसे उत्क्रुस्त उदहारण है Internet। जहाँ लाखों लोग आपस में जुड़े रहते हैं और data share करते हैं। Networking Devices जैसे Router क्या है, Hub, Switch, Modem ये सब एक Network में इस्तेमाल होते हैं। उपर जो भी मैं समझाया हूँ उसको network कहते है।

Network में जुड़े हुए हर एक Computer को Node बोलते हैं। आम तोर पे data sharing के साथ साथ Resource Sharing जैसे Internet, Printer, File Servers को हम share कर सकते हैं। Resource sharing मतलब है, जब आप Net cafe और Cyber cafe जाते हो तब आप देखे होंगे वहां पे बोहत सारे Computers आपस में Connected रहते है। जिसकों हम Network भी बोल सकते हैं।

लेकिन उस cafe में एक या दो printer रहते हैं। जब भी आप कोई भी Computers से तो print करते हो तो एक ही printer से print निकलता है। तो यहाँ पे Network की मदद से हम एक Resource मतलब एक printer को share कर रहे हैं। इसीको Resource Sharing बोलते है।

दुनिया का सबसे बड़ा Network है Internet जिसमे हम हर रोज कुछ न कुछ share करते रहते हैं। जैसे whats app में Image, Video, Contact, song ये सब मुंकिन हुआ है एक नेटवर्क की मदद से। वैसे जब हम अपने फ़ोन को इस्तेमाल करते हैं तब हर कोई बोलता है नेटवर्क नहीं अरहा है।

इसका मतलब है हम दुसरे mobile के साथ और Tower के साथ Connected नहीं है। ये थी कुछ जानकारी What is Network in Hindi। अब हम आपको बताएँगे Network के मानदंड के बारे में।

नेटवर्क की परिभाषा

इन कुछ Criteria से हम ये बता सकते नेटवर्क की Network उत्क्रुस्त है या नहीं। वो है Performance, Reliability, Security। हर एक के बारे में विस्तार से जानते है।

1. Performance

performance को हम बोहत से तरीको से Measure कर सकते है। उनमें से खास है Transmit Time और दूसरा Response Time। जितने वक्त में एक message एक Device से दुसरे Device तक पोहंच ने में लगता है उसी को Transmit Time बोलते हैं। एक request का जवाब देने में जितना Time लगता है उस्से Response Time बोलते हैं। जैसे आप कुछ गूगल में कुछ Search किये और उसका result आने में जो समय लगता है वही Response Time होता है।

Performance कुछ और factor पे भी Depend करता है। user कितने है, Transmission Medium कोनसा है, Hardware और Software कोनसा है। वैसे Performance पता लगाने के लिए दो Networking Metrics का उपयोग होता है Throughput और Delay। हमें आमतोर पे ज्यादा throughput और कम Delay चाहिए। यही दोनों मायिने रखता है।

2. Reliability

इसका मतलब है बहरोसेमंद होना। जब तक एक नेटवर्क भरोसे लायक नहीं होगा वो कभी बी अच्छा नेटवर्क नहीं हो सकता। reliability का मतलब है Accuracy of Delivery। data जब तक जिस device पे भेज रहे हो उसपे अगर बिना link failure के पोहंच जाता है तो वो भरोसेमंद है। Link Failure होने के बाद वापस से Recover होने में जितना वक्त लगता है वही Reliability है।

3. Security

security होने से ही data को हम protect कर सकते हैं Unauthorized Access से। data को damage होने से बचना। DATA lost से बचाने के लिए Policies को implement करना SECURITY का काम है। अगर DATA network से चोरी हो जाये तो उसे हमारा data Secure नहीं है यही बोलेंगे। Network Security होना बोहत ही जरुरी है।

नेटवर्क का इतिहास (History Of Network in Hindi)

अब हम जिस नेटवर्क की बात कर रहे हैं, इसकी सुरुवात तो कई साल पहले 1960 से 1970 में हो गई थी। उस Network का नाम है ARPANET जिसको हम बोलते हैं Advance Research Project Agency Network। सुरुवात में नेटवर्क का मकसद था terminals और remote job entry station को mainframe के साथ जोड़ना। लेकिन ARPANET में उस वक्त Resource sharing का Concept डालने का एक मौलिक उपादान था।

ARPANET उस डोर में काफी भरोसेमंद था क्यूंकि ये PACKET Switching तकनीक का इस्तेमाल करता था बजाये Circuit Switching। ARPANET को अमेरिका के Defense विभाग में भी इस्तेमाल होने लगा जिस्से गुपनिया ख़त को भेजा जा सके।

इसको US के अलग अलग University को जोड़ने में। उद्योगपति भी इसका इस्तेमाल करने लगे। धीरे धीरे इसे और development करते गए। ये आज दुनिया का सबसे बड़ा Network बन चूका है जिसको हम Internet बोलते हैं।

Network में इस्तेमाल होने वाली Devices

आगर एक नेटवर्क है, तो उसमे सारे device आपस में Connected रहते हैं, DATA भि आना जाना करता है, अलग अलग computers से होते हुए DATA गुजर ता है। दो नेटवर्क आपस में Connect करने के लिए और Computers को LAN से जोड़ने के लिए। इन सबके लिए हमें कुछ Network Devices चाहिए जैसे HUB, Repeater, Switch, Router, Modem, Bridge। इनके बारे में बिस्तर से जानते है।

HUB

हब क्या है? यह एक Basic Networking Devices है। ये device physical Layer में काम करती है। इस वजह से ये आपस में networking Devices को Physically जोड़ता है। आमतोर पे जिस network में Twisted pair केबल का इस्तेमाल होता है वहीँ ये device use की जाती है।

बिना किसी बदलाव के ये एक packet को दुसरे devices तक Forward करने का काम करती है। “data packet” device के लिए है या नहीं बिना परवह किये ये सारे devices को Transmit करती है। hub दो प्रकार के होते है Active HUB और Passive HUB।

Switch

स्विच क्या है? ये Device भी HUB जैसे Physical Layer पे काम करती है। ये DEVICE HUB से ज्यादा Intelligent है। HUB बस Data Packet को forward करता है लेकिन Switch Forwarding के साथ साथ Filter भी करता है। इसलिए इसको Intelligent बोला ज्याता है।

जब Switch DATA Packet को Receive करता है। तब वो उसके Filter करके Address का पता लगता है। और उस device को packet Forward करती है। इसलिए Switch CAM (Content Addressable Memory) table को बनाये रखती है। जिसमे Devices का Address रहता है। CAM को Forwarding Table भी बोला ज्याता है

Modem

मॉडेम क्या है? यह हर कोई इस्तेमाल करता है आजकल की Internet दुनिया में। जब भी घर में Internet का उपयोग करते हैं, तभी DATA बहार की दुनिया से हमारे Computer तक पोहंचता है। लेकिन हमारा Computer Digital DATA को ही समझता है जैसे की Binary 0 और 1। और cables में DATA Analog signal के form में जाता है।

Modulator और Demodulator से ही बना है, MODEM। एक उदहारण से समझाता हूँ, आप के computer में जो DATA है वो digital form में है। इस DATA को हमें दुसरे computer में भेजना है एक cable के जरिये। इसके लिए हमें digital DATA को analog में Convert करना पड़ेगा।

ये काम Modulator करता है। जब ये एनालॉग DATA cable से computer में जाता है तो उसे फिर इस analog DATA को digital में convert होना पड़ता है। इस काम को करता है Demodulator। telephone लाइन में ये इस्तेमाल होता है।

Router

राउटर क्या है? इसके नाम से ही आपको ये पता चल गया होगा की Route से संभधि है। दो network के बिच में route और Traffic को Control करना ही इस Device का काम है। ये दो नेटवर्क को आपस में Wire और Wireless medium से जोड़ता है।

OSI Model के Network layer में ये Device काम करता है। आजकल Wireless Router का ज्यादा इस्तेमाल होता है। traffic Police जैसे काम करता है वैसे ही ये DATA का direction निर्धारित करता है।

Bridge

ब्रिज क्या है? जैसे की Router दो अलग अलग Network को Connect करता है वैसे ही Bridge दो Sub network को Connect करता है। जो की एक ही Network के होते हैं। एक उदहारण ले लेते हैं। आप दो computer lab को और दो Floors को Bridge के जरिये ही Connect कर सकते हैं।

Repeater

रिपीटर क्या है? यह एक Electronic Device है। जो की signal strength को बढ़ाने मदद करता है। इसको ये भी बोल सकते हो, ये एक एसा Electronic Device जो Signal को receive करता है और उसे Re transmit करता है। Repeater signal Lost होने से बचाता है। इसकी वजह से DATA बिना lost हुए दूर दूर तक पोहंचता है।

अगर एक College में Hostel, College से काफी दूर है। college वाले चाहते है की वो hostel और College को cable से internet connection देना चाहते हैं। दुरी ज्यादा होने के कारण DATA सही से Receiver तक नहीं पोहंचता और DATA lost हो जाता है।

इसके लिए Hostel और College के बिच जो cable लगेगा उसके बिच में एक Repeater लगाना पड़ेगा। हर cables का data transmission distance में Limitation रहता है। अब तक आप जान ही गए होंगे Networking in Hindi। Network क्या है और नेटवर्क DEVICES के बारे में। अब जानोगे Network के प्रकार।

नेटवर्क के प्रकार – Types Of Network in Hindi

वैसे तो बोहत प्रकार के Computer Network है। इनको इनके size, geographic area और कितने Computer एक Network में रह सकते हैं उस हिसाब से बिभाग किया गया है। एक नेटवर्क छोटे से कमरे से सुरु करके ये पुरे दुनिया के computers को आपस में जोड़ सकता है।

तो चलिए जानते हैं नेटवर्क कितने प्रकार के होते है?

आमतोर पर 3 प्रकार के नेटवर्क होते हैं LAN, MAN और WAN। इनको छोड़ ने के बाद भी कुछ और भी हैं, जैसे PAN, HAN।

1. Personal Area Network (PAN क्या है)


PAN को Personal Area Network कहाँ जाता है। इस नेटवर्क को PAN भी बोला जाता है। ये छोटा सा network है जो की एक घर के अंदर इसकी सीमा रहती है। जैसे एक Building में, PAN में एक या एक से अधिक Computer रहते हैं। इसके साथ साथ telephone, Video game कुछ और Devices जुड़े रहते हैं।

2. Home Area Network (HAN क्या है)


एक ही residence में कुछ लोग अगर एक ही नेटवर्क को अगर इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे हम Home Area Network बोल सकते हैं। इसको HAN भी बोला जाता है। इसमें आमतोर पे WIRE से internet connection होता है। जो कि एक modem के जुडा रहता है। ये modem दोनों connection मतलब wire और wireless provide करता है। इस Network में आप ये सब काम कर सकते हो। WIFI भी Home Area Network है।

  • घर के किसी कोने में भी बैठ के आप document का print निकाल सकते हो.
  • photo upload और download भी कर सकते हो
  • online video sharing के साथ साथ video streaming भी कर सकते हो.
  • PAN और HAN में वैसे कुछ जादा अंतर नहीं है.

3. Local Area Network (LAN क्या है)


Local Area Network मतलब LAN। ये Network आपको हर जगह मिलेगा जैसे ऑफिस, College, School, Business Organisation। resource sharing, data storage, document printing के लिए इस network को use किया जाता है। इसको बनाने के लिए कुछ जादा hardware की जरुरत नहीं पड़ती बस hub, switch, network adapter, router और Ethernet cable की जरुरत पड़ती है।

सबसे छोटा LAN केवल दो computer से बन सकता है। एक LAN में हम 1000 Computers को आपस में जोड़ सकते हैं। ज्यदातर LAN को wire connection में उपयोग किया जाता है। लेकिन आजकल ये wireless में भी इस्तेमाल हो रहा है। इस network की खासियत है इसकी speed, कम खर्चा और Security। इसमें Ethernet cable का इस्तेमाल किया जाता है।

एक office में इसको document sharing और printing के लिए यही Network खास है। Document sharing में होता क्या है। एक central server रहता है जहाँ पे सारे File को रखा जाता है। जिसे कोई employee, file को access कर सकता है बिना वहां जाये।

अगर किसी को print भी करना है वो central printer का इस्तेमाल कर के print कर सकता है। यही LAN का फयदा है। इसको बोलते हैं Resource sharing.
अगर एक Local Area network wireless है तो उसे wireless LAN बोलते हैं।

खासियत

  • छोटे geographical Area में इसकी दुरी सिमित है
  • एक घर, Office और college में इस्तेमाल होता है.
  • इसकी ownwrship private होती है
  • आसानी से इस Network को बनाया जा सकता है
  • इस Network की data transmission speed high है

4. Metropolitan Area Network (MAN क्या है)


Metropolitan Area Network या MAN भी बोल सकते हो। ये एक पुरे सहर को जोड़ने वाल Network है। एक सहर में जितने भी छोटे बड़े College, School, government office के नेटवर्क को जोडके रखता है ये network। LAN से भी बड़ा नेटवर्क है MAN।

MAN 10KM से 100KM तक Cover करता है। बोहत सारे LANs को आपस में connect करके बड़ा नेटवर्क बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

इसतरह के Network अगर एक College campus में इस्तेमाल होने लगे तो उसे campus area network बोलते हैं। इसका सबसे अच्छा उदहारण है cable TV Network। LAN to LAN connect करने के लिए MAN का इस्तेमाल होता है। कोई बड़ा Business Organisation ही अपना खुद का MAN बनता है। जिसके जरिये वो अपने अलग अलग branch को connect कर सके।

खासियत

  • बड़े geographical Area में इसकी दुरी सिमित है जैसे town, city.
  • इसकी ownership public और private होती है.
  • इस नेटवर्क install करने में जादा खर्चा आता है LAN से भी जादा.
  • data transmission speed moderate है.

5. Wide Area Network (WAN क्या है)


LAN और MAN के बाद जो Network आता है वही नेटवर्क है Wide Area Network। वैसे तो ये सबसे बड़ा नेटवर्क है जो की पुरे globe के computers को connect करके रखता है। इसको WAN भी बोला जाता है। Wide area network को LAN of LANS बोला जाता है।

इस नेटवर्क की खासियत है ये DATA रेट कम है, लेकिन ज्यादा Distance cover करता है। Wide Area Network का सबसे अच्छा उदहारण है Internet।

WAN दो तरह के होते हैं 1। Enterprise WAN और 2। Global WAN। wide area network के साथ connected होने वाले computer ज्यादातर public network का इस्तेमाल करते हैं जैसे की Telephone line, Leased line और satellites। सबसे बड़ा WAN है Internet।

वैसे तो बोहत सारे Wide Area Network हैं। जैसे public packet network, Large Corporate network, Military networks, Banking networks, railway reservation network और आखिर में Airline Reservation network।

WAN के जरिये Network की सुविधा देने वाली कंपनी को Network Service Provider बोलते हैं। इनको Internet का core बोला जाता है। WAN को सबसे महंगा नेटवर्क बोला जाता है। क्यूंकि इसमें कुछ इसतरह की technology का उपयोग किया जाता है। जैसे की SONET, Framerelay और ATM।

खासियत

  • बड़े geographical Area जैसे दो देशों को आपस में इस नेटवर्क से connect कर सकते हैं
  • इसकी ownership public और private होती है
  • इस नेटवर्क को install और maintenance करना difficult होता है.
  • data transmission speed slow है

कंप्यूटर नेटवर्क के उपयोग (Uses of Network in Hindi)

कंप्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल निम्न कार्यों के लिए किया जाता है –

  • नेटवर्क की मदद से एक कंप्यूटर दुसरे कंप्यूटर के साथ आसानी से डेटा का आदान – प्रदान कर सकता है.
  • नेटवर्क के इस्तेमाल से Communication  करना बहुत ही आसान हो गया है. हम दूर बैठे किसी व्यक्ति से ऐसे बात कर सकते हैं जैसे कि वह हमारे पास में ही हो.
  • नेटवर्क की मदद से हम डेटा के साथ – साथ संसाधनों को भी शेयर कर सकते है.
  • नेटवर्क का उपयोग सॉफ्टवेयर को शेयर करने के लिए भी किया जाता है.

नेटवर्क क्या अर्थ है?

दो या दो से अधिक परस्पर जुड़े हुए कम्प्यूटर या अन्य डिजिटल युक्तियों और उन्हें जोडने वाली व्यवस्था को कम्प्यूटर नेटवर्क कहते हैं। 

नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य क्या है?

नेटवर्किंग का मुख्य उद्देश्य एक ही होता है Devices को आपस में जोड़ना और आपस में इनफार्मेशन शेयर करना . अगर दो या दो से अधिक कम्प्यूटर्स आपस में जुड़ते है तो उसे हम एक नेटवर्क कहते है।

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