हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे ही है और आज हर कोई अपने सभी काम इंटरनेट की मदद से करते है। हमारी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है, हमारे डाटा को कोई चोरी न करे इसी के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) की जरूरत पड़ती है। आज के समय में पूरी दुनिया में साइबर अपराध बढ़ते जा रहे है इसी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है।
डाटा को चोरी होने से बचाने के लिए सभी देशों द्वारा कड़ी साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। इसके अलावा इंटरनेट के माध्यम से हैकिंग हमारे बैंक अकाउंट और अन्य कई प्रकार के डाटा को चुरा लिया जाता है। जो हमारे लिए एक चिंता का विषय है।
साइबर सुरक्षा क्या है? What is Cyber Security in Hindi?
आज हम एक आधुनिक दौर में रह रहे है, और यहाँ हमसे जुड़ी सारी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। जिसको कोई भी हैक करके चुरा सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए इंटरनेट से जुड़े सभी प्रकार के कार्यों के लिए एक प्रकार की सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। जिसे साइबर सुरक्षा कहा जाता है, जो हमारे डिवाइस के जरूरी डाटा, डिवाइस के हार्डवेयर और साफ्टवेयर के डाटा को साइबर अपराध से बचाने का कार्य करती है।
इन गतिविधियों से हमारे डाटा और हमारे फाइलों को चोरी होने से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा (Cyber Security) का इंतज़ाम किया गया है। जिससे साइबर अपराध को रोका जा सके।
दोस्तों, साइबर अपराध या डाटा चोरी को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के अंतर्गत कई प्रकार के स्तर पर कार्य किये जाते है। इनमें डाटा सुरक्षा (Data Security), मोबाइल सुरक्षा (Mobile Security), जानकारी सुरक्षा (Information Security), नेटवर्क सुरक्षा (Network Security), अप्लीकेशन सुरक्षा (Application Security), यूज़र सुरक्षा (User Security), आपातकालीन सुरक्षा (Emergency Security) इसके साथ ही क्लाउड सुरक्षा (Cloud Security) की व्यवस्था भी की गई है। जिससे इस बदलती दुनिया में हमें किसी भी प्रकार के साइबर अपराध के खतरे से कोई दिक्कत न हो।
साइबर सुरक्षा और भारत India and Cyber Security
आज भारत भी दुनिया के विभिन्न देशों के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है। इंटरनेट के उपयोग में भारत आज तीसरे स्थान पर है। इस बात से आप समझ सकते है कि भारत आज कितना आगे बढ़ चुका है।
आज हर चीज इंटरनेट के माध्यम से होती है इससे कई प्रकार के खतरे भी बढ़ जाते है जिससे निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा कई कदम उठाये गए है। लेकिन फिर भी कई मामलों में भारत अभी भी पीछे है। इस बात का पता आप बीते पिछले कुछ वर्षों से लगा सकते है।
बीते हुए पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार की घटनाएँ सामने आई है जैसे – रेलवे से डाटा चोरी, Zomato के लगभग 17 मिलियन डाटा चोरी, कई प्रकार मशीनों में मालवेयर अटैक आदि।
साइबर सुरक्षा भारत के लिए समस्या का विषय है जिस पर भारत सरकार कई प्रकार के कदम उठायें है लेकिन इस दिशा में भारत को और भी कई अन्य कदम उठाने की जरुरत है। जिससे किसी भी प्रकार की साइबर अपराध न हो पायें।
साइबर सुरक्षा की जरूरत क्यों? Importance of Cyber Security
आज के समय में दुनिया भर में इंटरनेट का उपयोग पूरी तरह से किया जा रहा है। समय के साथ इंटरनेट चलाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। लोग अपने सारे कार्य इंटरनेट के मदद से ही करते है चाहे वो निजी कार्य हो या सरकारी कार्य। ऐसे में इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के हैकिंग से किसी का भी डाटा चुराया जा सकता है।
डाटा चोरी के अलावा कई प्रकार के साइबर अपराध को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की ज़रूरत पड़ती है। जिससे इंटरनेट यूजर के डिवाइस के साथ उसकी सभी प्रकार के जानकारी को सुरक्षित रखा जा सके।
आज इंटरनेट की दुनिया में हर रोज हैकिंग, फ्रॉड, डाटा चोरी जैसी समस्या लगातार आ रही है, ऐसे में साइबर सुरक्षा के द्वारा ही इन सारी समस्याओं से बचने के लिए एक प्रकार का सुरक्षा कवच तैयार किया जाता है, जो इंटरनेट पर होने वाले साइबर अटैक को रोकता है।
साइबर अटैक क्या होता है? Information about Cyber Attack in Hindi
साइबर अटैक एक प्रकार का वर्चुअल अटैक होता है। जिस प्रकार किसी देश के किसी विशेष क्षेत्र को पाने के लिए कई देश लड़ाई लड़ते है उसी प्रकार डिजिटल दुनिया में भी किसी फाइल को हैक करने या किसी नेटवर्क को अपने कब्जे में लाने के लिए साइबर अटैक (Cyber Attack) किये जाते है।
दोस्तों साइबर आक्रमण करने के कई उद्देश्य होते है इनमें किसी व्यक्ति,संस्थाओं या देशों के महत्वपूर्ण जानकारी चुराने के लिए किये जाते है। इसे साइबर आतंकवाद का हिस्सा भी माना जाता है क्योंकि इसमें दो पक्षों के बीच आपस में साइबर अटैक किये जाते है। इसे साइबर युद्ध भी कहा जाता है।
साइबर अटैक के प्रकार? Types of Cyber Attack in Hindi
बदलते समय के साथ हम अपनी सुरक्षा में भी बदलाव कर रहे है। क्योंकि समय के साथ तकनीकी में भी बड़े बदलाव हर किसी के लिए चुनौती भी है। जैसे जैसे तकनीकी में बदलाव हो रहे है साइबर अटैक के प्रकृति भी बदल रहे है। तो आइये जानते है साइबर आक्रमण कितने प्रकार होते है:
- मालवेयर (Malware) – किसी भी डिवाइस के डाटा को अपने कंट्रोल में लाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। किसी भी नेटवर्क को हैक करने के लिए स्रोत में लिंक और ईमेल अटैच होते है। जिस पर क्लिक करने पर सॉफ्टवेयर रन हो जाता है और यूज़र के डिवाइस का कंट्रोल हैकर के हाथों में चला जाता है। इसमें अंतर्गत Spyware, वायरस, वार्म, रैंसमवेयर आदि आते है।
- फिशिंग – ये एक प्रकार की डिजिटल धोखाधड़ी करने की प्रक्रिया है। जिसमे किसी प्रतिष्ठित संस्था के नाम से किसी यूज़र को ईमेल की जाती है, उसकी निजी जानकारी मांग ली जाती है जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के साथ अन्य जानकारी।
- Man-in-the-middle attack (MitM) – इस अटैक से अटैककर किसी भी दो पक्षों के बीच हुए बातचीत की जानकारी को हासिल कर लेते है। इससे तरह हमलों से बचने के लिए इंटरनेट की https वाली वेबसाइट का इस्तेमाल करे, इसके अलावा किसी भी App को Google PlayStore से ही daownlod किया जाए।
- Smishing – ये एक प्रकार से फिशिंग टैक के जैसे ही है, जिसमे मैसेज SMS के माध्यम से किया जाता है। इसमें आपके पास लॉटरी जितने का मैसेज आता है। लॉटरी के लालच में बहुत से अपनी सारी जानकरी अनजाने में इन्हें दे देते है।
- SQL Injection and Cross-Site Scripting (XSS) – किसी वेबसाइट की संवेदनशील जानकारी के डाटा को चुराने के लिए हैकर SQL इंजेक्शन का इस्तेमाल करके वेबसाइट के डाटाबेस तक पहुँच जाते है। और इससे जुड़ी जानकारी आसानी से हासिल कर लेता है।
- Zero Day – हम सभी जानते है कि हर किसी सॉफ्टवेयर में कुछ न कुछ कमी होती है, उसी का फायदा उठाकर हैकर्स उसमे छेड़ छाड़ कर दिया जाता है। जिससे वो उसका एक्सिस पा सके।
साइबर अटैक का कारण? Reasons Behind Cyber Attack
दोस्तों अगर हम साइबर अटैक होने के कारणों के बारे बताया जाए, तो ऐसा करने के पीछे कई कारण हो सकते है जैसे लोगों के पर्सनल जानकारी के लिए, क्रेडिट कार्ड डाटा के लिए, डेबिट कार्ड डाटा, संवेदनशील जानकारी, किसी व्यापार की जानकारी आदि। इसके अलावा भी बहुत से ऐसे कारण है जिनके लिए साइबर अटैक किये जाते है। इनमे जासूसी, राजनैतिक कार्यों के लिए या रहस्यों का पता लगाने के लिए भी साइबर अटैक किये जाते है।
भारत में साइबर सुरक्षा कानून Cyber Security Laws in India
हम सभी जानते है कि साइबर अपराध एक गैर कानूनी काम है और इसमें कुछ आपराधिक गतिविधियाँ भी शामिल हो सकती है। इनमें डाटा चोरी, धोखाधड़ी, जालसाज़ी, के साथ अन्य कई कार्य भारतीय दंड सहिंता में अंतर्गत आते है। इन गैर कानूनी कार्यों को रोकने के लिए भारत में भी साइबर सुरक्षा ज़रूरत है।
साइबर अपराधों को संज्ञान में लेते हुए भारत में “सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” पारित किया गया। जिसके अंतर्गत साइबर हमलों को निपटाने के प्रबंध किये गये है।
“सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” में कई धाराएँ बनायीं गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से जुड़ी हुई है जैसे 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 आदि।
भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
भारत सरकार द्वारा देश में होने वाले साइबर अपराधों को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा की दिशा में कई कदम उठाये गए है जो इस प्रकार है-
- “सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000” पारित किया गया, जिससे साइबर अपराध कम हो सके।
- इसके अंतर्गत ये धाराएँ 43, 43A, 66, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A और 74 बने गई है जो हैकिंग और साइबर अपराधों से संबंधित है।
- साइबर सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को नोडल एजेंसी बनाया है, इसके साथ राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी अनुसंधान संगठन को भी नोडल एजेंसी बनी गई है।
- भारत सरकार द्वारा 2013 में राष्ट्रीय सुरक्षा नीति जारी की गई, इसके तहत राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (National Critical Information Infrastructure protection center-NCIIPC) का भी गठन किया गया है।
- इसके अलावा भारत सरकार द्वारा कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)’ की स्थापना की गई, जो साइबर सुरक्षा के लिए बनाया गया है।
- भारत सरकार ने Indian Cyber Crime Co-ordination Centre-I4C की स्थापना की है।
साइबर सुरक्षा के बीच में आने वाली मुश्किलें Obstacles During Cyber Security
साइबर सुरक्षा हर किसी के लिए एक गंभीर मुद्दा है। आज छोटी से छोटी जानकारी इंटरनेट पर मौजूद है। इस पर सारा डाटा सुरक्षित रहे, साइबर सुरक्षा के लिए ये एक बड़ी चुनौती है।
इन चुनौतियों में रैंसमवेयर, मालवेयर, फिशिंग मामले इसके अलावा कई और भी है। दोस्तों अगर विश्व के स्तर पर देखा जाए तो भारत में साइबर हमलों के मामलें 11 वें स्थान पर है।
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