टैली क्या है What is Tally ?
What is tally? टैली क्या है – टैली एक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर (Accounting Software) हैं जिसे टैली सलूशन लिमिटेड कंपनी (Tally Solution Pvt.) द्वारा डेवेलोप किया गया है जिसका उपयोग कंप्यूटर से किसी कंपनी, ट्रस्ट या फाइनेंसियल लेन – देन वाली संस्था की वित्तीय लेन – देन ( Financial Transaction ) को रिकॉर्ड करके रखने के लिए किया जाता है जिससे व्यवसाय व्यापर की वित्तीय स्थिति का जानकारी हो सके.
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Tally definition in Hindi: Tally का अर्थ financial transaction अर्थात् वित्त / रूपये / पैसे का गणना (Calculation) करना है, गणना कर लेनदेनो को रिकॉर्ड करके रखना जिससे हमें एक परिणाम प्राप्त हो और हमारे वित्तीय condition का ज्ञान हो सके.
टैली पूरी तरह से computerized accounting software है जिससे हम आसानी से कम समय में अधिक कार्य कर सकते है, आपको पता होगा की पूर्व में लोग mannual तरीके से अर्थात् पुस्तकों / बुक में कार्य करते थे, जिसमे कार्य करने में बहुत समय लगता था और उसे लम्बे समय तक सुरक्षित रखना बहुत मुश्किल होता था.
तब लोगों को टैली की अवश्यकता महशुस हुआ और इसे पूरा किया बंगलुरु के कम्पनी टैली सलूशन लिमिटेड कंपनी (Tally Solution Pvt.) द्वारा. इनके द्वरा enterprise resource planning software डेवेलोप किया जाता है.
Tally History | टैली की इतिहास
Tally के जनक | श्याम सुन्दर गोयनका, भारत गोयनका |
Tally निर्माण वर्ष | 1986 |
Company का नाम | टैली सलूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Tally Solution Pvt.) |
Tagline | Tally Power of Simplicity |
प्रधान कार्यालय (Head Quarter) | Bengaluru, Karnataka , India |
Products / Software version | TallyPrime, Tally.ERP 9, Tally.Server 9, Tally.Developer 9 and Shoper 9 |
Tally fullform | Total Accounting Leading List Year Transactions Allowed in a Linear Line Yard |
Website | www.tallysolutions.com |
Tally Solution कंपनी को पहले Peutronics के नाम से जाना जाता था. जिसे सन 1986 में श्री श्याम सुन्दर गोयनका और उनके पुत्र श्री भारत गोयनका ने मिलकर Develop किया था. उस वक़्त श्याम सुन्दर गोयनका एक कंपनी का संचालन करते थे, वे दूसरे Plants और टेक्सटाइल मिल्स को कच्चा माल (Raw Material) और मशीन पार्ट्स सप्लाई करते थे. इसलिए इस बिज़नेस को मैनेज करने के लिए उनके पास कोई ऐसा सॉफ्टवेयर नहीं था जिससे वो अपना हिसाब किताब आसानी से कर सके.
इस समस्या को दूर करने के श्री श्याम सुन्दर गोयनका अपने बेटे से कहा की एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाओ जिससे हम अपने बिज़नेस को आसानी से मैनेज कर सके. भारत गोयनका जो की मैथमेटिक्स में ग्रेजुएट थे उन्होंने अकॉऊंटिंग एप्लीकेशन के लिए सबसे पहला संस्करण MS – DOS एप्लीकेशन के रूप में लांच किया. इस में सिर्फ बेसिक अकॉउंटिंग फंक्शन थे. जिसका नाम Peutronics financial Accountant रखा गया.
Important Fact / महत्वपूर्ण तथ्य : Tally Notes PDF in Hindi
Year / वर्ष | Important Fact / महत्वपूर्ण तथ्य |
---|---|
1988 | Peutronics financial Accountant का नाम बदलकर Tally रखा गया. |
1999 | इस कंपनी ने कंपनी का नाम बदलकर Tally Solutions रखा. |
2001 | कंपनी ने इस वर्ष Tally 6.3 को लांच किया गया, इस version में Accounting के अलावा Educational version software भी लांच किया गया. |
2005 | Tally को और भी अच्छा डिज़ाइन के साथ बाजार में उतारा गया जिसमे सबसे मुख्या फीचर था Value Added Taxation (VAT). जो की भारतीय कस्टमर्स के लिए बहुत उपयोगी था. ये Tally 7.2 version था. |
2006 | Company इस 2006 Tally के अलग – अलग version को market में उतारा था जिनमे से एक Tally 8.1 था और दूसरा Tally 9. ये Tally के विभिन्न लैंग्वेज / भाषाओ में इस version को मार्किट में लाया था. |
2009 | कंपनी ने Tally ERP 9 enterprise resource planning software लांच किया जोकि user friendly environment तैयार किया गया जिससे आसानी से एकाउंटिंग कार्य किया जा सकता है इसमे हमें GST में कार्य किया जा सकता है. |
2016 | GST Server और Tax Payers के बिच में interface के रूप में GST सुविधा प्रदान करने के लिए Tally Solutions को चुना गया और 2017 में कंपनी ने बिलकुल अपडेटेड GST Compliance Software लांच किया |
2020 | इस वर्ष टैली सलूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वरा TallyPrime लांच किया गया है जो बहुत advance एकाउंटिंग software है. |
Tally Full form – Transactions Allowed in a Linear Line Yard
T – Transactions
A – Allowed
L – Linear
L – Line
Y – Yard
- Total Accounting Leading List Year
- Transactions Allowed in a Linear Line Yard
टैली का कोई फुल फॉर्म नहीं होता क्योंकि टैली का अर्थ है मिलान करना।
What are the different versions of Tally?
टैली के संस्करण – टैली क्या है
टैली के विभिन्न संस्करण या वर्शन इस प्रकार है –
1. Tally 3.0 (1990) – – टैली क्या है
टैली 3.0 टैली का पहला संस्करण है जिसका उपयोग छोटे व्यवसायों की बुनियादी लेखांकन आवश्यकताओं के लिए किया गया है। लेकिन, सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए बाहरी और विशेष कमांड की आवश्यकता होती है। और, यह केवल Microsoft DOS को सपोर्ट करता है।
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2. Tally 3.12 (1991) – टैली क्या है
3. Tally 4 (1992) –
4. Tally 4.5 (1994)
5. Tally 5.4 (1996)
6. Tally 6.3 (2001)
7. Tally 7.2 (2005)
8. Tally 8.1 (2006)
9. Tally 9 (2006)
10. Tally ERP 9 (2009)
टैली ईआरपी 9 2009 के बाद से टैली का नवीनतम संस्करण है। इसमें कई व्यापारिक संगठन हैं। इसमें जीएसटी गणना, चालान और पेरोल प्रक्रिया, रिमोट एक्सेस, बहु-उपयोगकर्ता लॉगिन और लेनदेन प्रक्रियाओं सहित उन्नत विशेषताएं हैं। आजकल, व्यवसायी टैली की तरह एक पूर्ण व्यापार समाधान सॉफ्टवेयर चाहते हैं।
11. Tally Prime (2020) – टैली प्राइम क्या है
यह टैली का नवीनतम version जिसमे tally erp 9 से advance बनाया गया है जिसमे हमें QR Code, E-invoice, E-Way Bill, Multi Printing, Bank Cancellation update, Oman VAT, e-payment के साथ ही साथ यूजर फ्रेंडली interface तैयार किया गया है अधिक जानकारी के लिए नीचे लिंक पर जाए
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टैली सीखने के लाभ
आसानी से टैली कार्य आपको मिल जायेगा, आय बढोतरी, पार्ट टाइम वर्क
How to use Tally ? टैली का उपयोग कैसे करें?
टैली डिजिटल प्रारूप में लेखांकन के अलावा कुछ भी नहीं है। मैन्युअल पुस्तकों में खाते बनाए रखना, हम डेबिट और क्रेडिट के रूप में लेखांकन प्रविष्टियाँ लिखते हैं।
टैली में, हम उसी तरह प्रविष्टियाँ बनाते हैं।
Transactions
⇓
Ledger Creation
⇓
Stock Management
⇓
Voucher Entry
⇓
Reprot
टैली हम कैसे सीख सकते है : Tally Notes PDF in Hindi
दोस्तों अगर आपको टैली सीखना है तो पहले सामान्य एकाउंटिंग या कॉमर्स के बारे में जानना होगा क्योकि एकाउंटिंग में अलग अलग प्रकार के सब्दो का प्रयोग किया जाता है जैसे गुड्स, परचेस, सेल्स, डेबिट, क्रेडिट, एक्सपेंस एसेट्स इत्यादि इशलिए नीचे दिए हुए प्रोसेस के अनुसार स्किल ज्ञान ले जिससे आपको टैली का ज्ञान आसानी से हो सके..
Downloading and Installation of Tally ERP 9 Notes
टैली ERP 9 डाउनलोड एवं कंप्यूटर में इनस्टॉल करने की विधि
Downloading and Installation of Tally ERP टैली ERP 9 डाउनलोड करना :- टैली ERP 9 डाउनलोड को डाउनलोड करने के लिए टैली ERP 9 की ऑफिसियल वेबसाइट www.tallysolution.com पर जा कर डाउनलोड किया जा सकता है
ऊपर दिए लिंक में क्लिक करने पर हमरे सामनेे इस प्रकार से विंडो ओपन होगा जिमसे हमें इन्टॉल नाउ और डाउनलोड ऑप्शन मिलेगा जिसमे हमें डाउनलोड ऑप्शन पर क्लिक करके के टैली ERP 9 सॉफ्टवेयर को डाउनलोड किया जा सकता है
इस प्रकार से टैली ERP 9 सॉफ्टवेयर सेव करे
टैली ERP 9 को कंप्यूटर में इनस्टॉल करने की विधि:- Tally Notes PDF in Hindi
सबसे पहले डाउनलोड किये गए
टैली ERP 9 सॉफ्टवेयर जो की आपके कप्पूटर के डाउनलोड फोल्डर में setup नाम से सेव होगा उसे डबल क्लिक करके ओपन करे ओपन करते ही हमें इस प्रकार डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा
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इस डायलॉग बॉक्स में Install पर क्लिक करे, क्लिक करते हे इंस्टालेशन की प्रक्रिया प्रारम्भ हो हो जायेगा
इंस्टालेशन की प्रक्रिया पुरे होते ही निचे आये डायलॉग बॉक्स में Done ऑप्शन को क्लिक करते ही आपके कंप्यूटर में टैली इनस्टॉल हो जायेगा।
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लीजिये अब आपके कंप्यूटर में Tally ERP 9 इनस्टॉल हो चूका है
Basic Accounting Terms – Tally ERP 9 Notes
Tally Basic Notes Hindi / Basic Accounting Terms – Tally ERP 9 Notes
Tally Basic Notes Hindi – Introduction of Accounting वर्तमान में व्यवसाय का क्षेत्र काफी विस्तृत हो चुका है। वैश्विक (Global) अर्थव्यवस्था एवं व्यवसाय के बदलते परिवेश में वित्तीय लेन-देनों की जटिलताओं में भी वृद्धि हुई है, फलस्वरूप वित्तीय व्यवहारों के नियमन के लिये लेखा – जोखा रखना एक व्यावसायिक संगठन के लिये आवश्यक हो गया हैं।
प्रत्येक लेन-देनों को याद रखना बड़ा मुश्किल एवं असम्भव है, इसी कारण बहीखाता का प्रादुर्भाव हुआ है, लूकास पेसियोली को पुस्तपालन (Bookkeeping) का जन्मदाता कहा जाता हैं.
भारत में लेखाकंन प्रमापों के निर्धारण तथा लेखाकारों के प्रशिक्षण का कार्य Institute of Chartered Accountants of India and Institute of Costs and Works Accountants of India द्वारा किया जाने लगा है।
Meaning and Definition of Book – Keeping – Tally Basic Notes Hindi
बहीखाता का अर्थ एवं परिभाषा
बहीखाता को पुस्तपालन भी कहते है, इसका आशय है लेन-देनों को पुस्तकों में लिखना। व्यवसाय में कई प्रकार के मौद्रिक लेन-देन होते हैं जिनका व्यवस्थित रूप से पुस्तकों में लेखा करना आवश्यक होता है।
व्यवसाय के समस्त वित्तीय लेन-देनों का नियमित, विधिवत, शुद्ध एवं स्पष्ट रूप से लेखा करने की कला को ही बहीखाता अथवा पुस्तपालन कहते है। जिस दिन लेन-देन होता है उसी दिन बहीखाता का कार्य किया जाता है। परिभाषयें:- कार्टर के अनुसार – ’’बहीखाता उन समस्त व्यापारिक लेन-देनों का उचित ढंग से लेखा करने की कला है एवं विज्ञान है, जिसके फलस्वरूप मुद्रा के मूल्य का हस्तांतरण होता है। जेे. आर. बाटलीबाॅय के अनुसार – ’’बहीखाता व्यापारिक व्यवहारों को उचित शीर्षकों के अतंर्गत लेखा करने की कला हैं।
Meaning and Definition of Accounting – लेखांकन अर्थ एवं परिभाषा
बहीखाता का कार्य केवल वित्तीय सौदों को हिसाब की पुस्तकों में नियमानुसार लिखना हैं, जबकि लेखांकन उनका वर्गीकरण व सारांशीकरण कर वित्तीय परिणाम को प्रस्तुत करता है। व्ययसाय को आर्थिक परिणाम जानने के लिये बहीखाता में लिखे गये लेन-देनों का संग्रह, वर्गीकरण, सारांशीकारण कर उनका विश्लेषण करना आवश्यक है, तभी कोई व्ययसायी अपने व्यवसाय के परिणाम का निष्कर्ष निकाल सकता है। इस कार्य को लेखाकंन के द्धारा पूर्ण किया जाता है.
Objective of Accounting – लेखांकन के उद्देश्य – Tally Basic Notes Hindi
लेखांकन, जैसा कि हम जानते है कि समस्त व्यावसायिक व्यवहारों का पुस्तकों में विधिवत लेखा है। व्यवसाय एवं उपक्रम से संबंधित समस्त वित्तीय व्यवहारों की जानकारी लेखांकन के माध्यम से प्राप्त हो जाती है। इसके प्रमुख उदद्ेश्य निम्नलिखित है –
- पूँजी का ज्ञान:-
2. क्रय – विक्रय का ज्ञान:-
3. देनदारों एवं लेनदारों का ज्ञान:-
4. व्ययसाय की वित्तीय स्थिति की जानकारी
5. लाभ – हानि का ज्ञान
Definition of Accounting – Tally Notes PDF in Hindi
Accounting : – वह प्रोसेस है जिसके द्वारा वित्तीय लेनदेन का पहचान कर (Identification) एंट्री करना, सरांशीकरण कर रिपोर्ट तैयार करना होता है जिसके द्वारा व्यापार के वित्तीय स्थिती को जाना जा सकता हैं, लेखाकंन कहलाता हैं।
Business : –
लाभ कमाने के उदेश्य से किया गया वैधानिक कार्य व्यवसाय कहलाता हैं व्यवसाय एक व्यापक शब्द है जिसकें अंर्तगत व्यापार, उत्पादन कार्य, वस्तुओं या सेवाओं का क्रय – विक्रय, बैंक, बीमा, परिवहन कम्पनियाॅ इसके अंर्तगत आते हैं।
Types of Business
1.Manufacturing (उत्पादन)
2.Trading (विक्रय)
3.Servicing (सेवा)
Trade (व्यापार):-
लाभ कमाने के उदेश्य से किया गया वस्तुओं का क्रय – विक्रय व्यापार कहलाता हैं।
Profession (पेशा या वृत्ति):-
आय अर्जित करने के लिए किया गया कोई कार्य या साधन जिसके लिए पूर्व प्रशिक्षण आवश्यकता होती है, पेशा कहलाता हैं जैसे – डाॅक्टर, शिक्षक, वकील इत्यादि के कार्य पेशा के अंतर्गत आते हैं।
Proprietor (स्वामी या मालिक):- Tally Basic Notes Hindi
व्यवसाय को प्रारम्भ करने वाला व्यक्ति जो आवश्यक पूॅजी की व्यवस्था करता है तथा लाभ प्राप्त करने के अधिकारी व हानि का जोखिम वहन करता हैं, व्यवसाय का स्वामी कहलाता हैं।
Capital (पूॅजी)-
व्यवसाय के स्वामी द्धारा व्यवसाय को प्रारम्भ करने के लिये धन, रोकड़ या अन्य सम्पत्ति के रूप में लगाया जाता हैं उसे पूॅजी कहते हैं। व्यवसाय में पॅूजी लाभार्जन के उद्देश्य से लगाई जाती हैं लाभ का वह भाग जो व्यवसाय से निकाला नही गया हैं,
पूॅजी:- सम्पत्तियां – दायित्व.
Drawing (आहरण)–
व्यवसाय के स्वामी द्धारा व्यवसाय के निजी उपयोग के लिये जो माल या रोकड़ निकाल लिये जाते हैं, उसे आहरण या निजी व्यय कहते है। आहरण से पॅूजी की मात्रा कम हो जाती हैं।
Transaction (सौदा या लेन – देन):– Tally Notes PDF in Hindi
दो पक्षो के मध्य होने वाले मुद्रा, माल या सेवा के पारस्परिक विनिमय ;म्गबींदहमद्ध को सौंदे लेन – देन कहते हैं। माल का क्रय – विक्रय, भुगतान का का लेना – देना आदि आर्थिक क्रियाएॅ व्यावसायिक सोैेदे या लेन – देन कहते हैं।
Types of Transaction
1. Cash Transaction (नगद लेन-देन)
2. Credit Transaction (उधार या साख लेन-देन)
3. Bill Transaction (बिल लेन-देन)
Goods (माल)- Tally Notes PDF in Hindi
माल उस वस्तु को कहते हैं, जिसका क्रय – विक्रय या व्यापार किया जाता है। माल के अंतर्गत वस्तुओं के निर्माण हेतू प्राप्त कच्ची सामग्री, अर्द्धनिर्मित सामग्री या तैयार वस्तुएं हो सकती हैं.
Purchase (क्रय)-
जब व्यापारी द्धारा विक्रय हेतू माल की खरीदी की जाती है, उसे क्रय कहा जाता है।। यह खरीदी कच्ची सामग्री या तैयार माल के रूप् में हो सकती हैं। सम्पत्तियों का क्रय, क्रय में शामिल नहीं हैं, क्योंकि ये पुनः विक्रय के लिये नही होती हैं।
Purchase Return (क्रय वापसी)-
क्रय किये गये माल में से किसी कारणवश जो माल वापस कर दिया जाता हैं, उसे क्रय वापसी अथवा बाह्य वापसी (Return Outward) कहते है।
Sales (विक्रय)-
लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से जब क्रय किया हुआ माल बेजा जाता हैं उसे विक्रय कहते हैं। नगद माल बेचने को नगद विक्रय (Cash Sales) तथा उधार माल बेचने को उधार विक्रय (Credit Sales) कहते हैं।
Sales Return (विक्रय वापसी)-
विक्रय किये गये माल में से किसी कारणवश ग्राहक द्धारा वापस कर दिया जाता हैं, उसे विक्रय वापसी अथवा आन्तरिक वापसी कहते है। टेैली में Sales Return होने पर उसे जर्नल वाउचर या डेबिट नोट में एंट्री किया जाता है।
Stock (स्टाॅक या स्कंध)-
एक निश्चित समयावधि के उपरान्त जो माल बिकने से रह जाता हैं, उसे स्टाॅक कहते है किसी व्यापारिक वर्ष के अंतिम दिन जो बिना बिका माल रह जाता है उसे अंतिम स्टाॅक (Closing Stock) कहते है। नवीन व्यापारिक वर्ष के प्रारंभ में यही स्टाॅक, प्रारंभिक स्टाॅक (Opening Stock) कहलाता है।
Assets (सम्पत्तियां)– Tally Notes PDF in Hindi
व्यवसाय की ऐसी सभी स्थायी उवं अस्थायी वस्तुएं जो व्यवसाय को चलाने के लिये आवश्यक होती हैं तथा का जिन पर व्यवसायी स्वामीत्व होता हैं, सम्पत्तियां कहलाली हैं। जैसे – यंत्र, भूमि वभन तथा व्यवसाय की निजी उपयोग मे होने वाले सभी यंत्र, फर्नीचर, प्रिंटर, कप्म्यूटर इत्यादि।
Types of Assets
1. Fixed Assets स्थायी सम्पत्ति () –
यंत्र, भूमि वभन तथा व्यवसाय की निजी उपयोग मे होने वाले सभी यंत्र, फर्नीचर, प्रिंटर, कप्म्यूटर इत्यादि
2. Current Assets चल सम्पत्ति () –
नगद रोकड. बैंक नगद इत्यादि
Liabilities (दायित्व या देयताए)–
व्यवसाय के देयधन को दायित्व कहते हैं व्यवसाय में कुछ आवश्यक राशियाॅ ऐसी होती हैं, जिनको चुकाने का दायित्व व्यवसाय पर होता है जैसे – पूॅजी, देयविपत्र, लेनदार, बैंक अधिविकर्ष आदि।
Revenue (राजस्व):-
राजस्व से आशय ऐसी राशि से है जो माल अथवा सेवाओं के विक्रय से नियमित रूप से प्राप्त होती है। व्यवसाय के दिन – प्रतिदिन के क्रिया-कलापों से प्राप्त होने वाली राशियाॅ जैसे – किराया, व्याज, कमीशन, बट्टा, लाभांश आदि भी राजस्व कहलाते है।
Expenses (व्यय):- Tally Basic Notes Hindi
व्यवसाय में माल, वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन या प्राप्ति करने के लिये जो लागत आती है। व्यय कहते हैं। माल तथा सेवाओं की प्राप्ति के लिये भुगतान व्यय के अंतर्गत आते हैं। मजदूरी, भाड़ा, रेल गाड़ी तथा माल के वितरण एवं विक्रय पर भुगतान गया वेतन, किराया, विज्ञापन, व्यय, बीमा आदि भी में व्यय में शामिल हैं।संक्ष्पित में राजस्व में वृद्धि करने की लागत को व्यय कहते हैं।
Types of Expenses
1. Direct Expenses –
माल तथा सेवाओं की प्राप्ति के लिये भुगतान – मजदूरी, भाड़ा, रेल गाड़ी तथा माल के वितरण एवं विक्रय पर भुगतान
2. Indirect Expenses –
राजस्व में वृद्धि, वेतन, किराया, विज्ञापन, व्यय, बीमा आदि Expenditure (खर्च):- खर्च वह राशि होती है जो व्ययसाय की लाभ-अर्जन क्षमता की वृद्धि हेतू भुगतान की जाती है। व्यवसाय में सम्पत्तियों के अधिग्रहण या प्राप्ति हेतू जो भुगतान किया जाता है वह खर्च कहलाता हैं।
Gain (लाभ):-
यह एक प्रकार की मौद्रिक प्राप्ति है, जो व्यवसाय के फलस्वरूप् प्राप्त होती है जैसे यदि 1,00,000 रूपये मूल्य की माल को 1,50,000 रूपये में बेचा जाएगा तो 50,000 रूपये की प्राप्ति लाभ कहलेगा।Basic Accounting Terms
Cost (लागत):-
व्यवसाय एवं उसके कार्यो में प्रयोग होने वाले कच्चे माल, सेवा व ऋण, उत्पादन या उसे उपयोगी बनाने हेतू किये जाने वाले समस्त प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष व्ययों के योग को ही वस्तु की लागत कहते है। वस्तु के अंतर्गत कच्चा माल या सम्पत्तिया शामिल रहती है।
Discount (कटौती, बट्टा या छूट):‘- Tally Basic Notes Hindi
व्यापारी द्धारा अपने ग्राहकों को दी जाने वाली रियायत को कटोैती, छूट या बट्टा कहते है। इसे उपहार भी कहा जाता है। बट्टा दो प्रकार के होते हैं –
1. व्यापारिक बट्टा (Trade Distcount) :-
विक्रेता अपने ग्राहकों को माल खरीदते समय उसके अंकित मूल्य अर्थात् सूची मूल्य में जो रियायत (छूट देता है) करता है, उसे व्यापारिक बट्टा कहते है यह माल की बिक्री बढ़ाने के उद्देश्य से दिया जाता हैं। इसका लेखा पुस्तको में नही किया जाता है
2. नगद बट्टा (Cash Discount) :-
निश्चित अथवा निर्धारित अवधि में नगद राशि या चैक द्धारा मूल्य का भुगतान करने पर जो छूट दी जाती है, उसे नगद बट्टा कहते है इसका लेखा पुस्तको में किया जाता है
Debitor (देनदार या ऋणी):-
जो व्यक्ति, फर्म या संस्था से माल अथवा सेवाएं उधार लेते है, उसे व्यापार का ऋणी या देनदार कहते है। देनदारो को ‘विविध देनदार’ या Sundry Debtor कहते है।
Creditor (लेनदार या ऋण दाता):- Tally Basic Notes Hindi
जिस व्यक्ति, फर्म या संस्था से माल अथवा सेवाएं उधार ली जाती है उसे त्रणदाता या लेनदार कहते है माल उधार खरीदने पर ही लेदनदारों का उदय होता है लेनदारो को ‘विविध लेनदार’ (Sundry Creditors) कहते है। जैसे – लखन ष्याम से 2 प्रिंटर 20000 रूपये मे खरीदा ।
Receivable (प्राप्य):-
व्यवसाय से सम्बधित ऐसी राषि जिसको प्राप्त किया जाना है उसे प्राप्य कहते है। व्यापार में माल की उधार बिक्री होने पर क्रेता को देनदार कहा जाता है, जिनसे राषि प्राप्त की जाना होती हैं .
देयतायें (Payable) –
व्यवसाय में कुछ ऐसी राषियां होती है जिन्हेेंेेें भविश्य में व्यापारी को चुकाना होता है उन्हे देयताएं (Payable) कहते है। जिनसे व्यापार द्धारा उधार माल क्रय किया जाता है वे व्यापार के लेनदार (Creditors) कहते है।
Entry (प्रविश्टि):-
लेन देन को हिसाब की पुस्तको में लिखना प्रविश्टि कहते है
कुल बिक्री (Turn Over) –
एक निश्चित में होने वाले नगद तथा उधार विक्रय का योग कुल विक्रय या Turn Over कहते है। विक्रय नगद + विक्रय उधार = Turn Over.
Insolvent / दिवालिया:-
जो व्यक्ति अपना ऋण चुकाने मे असमर्थ हो जाता है उसे दिवालिया कहते है। ऐसे व्यक्ति का दायित्व उसकी सम्पत्ति के मूल्य से अधिक होता है। ऐसी स्थिति में वह अपना ऋण पूरी मात्रा में नही चुका सकता है। आंशिक रूप में ऋण चुकता करने के लिये उसे न्यायालय की शरण लेनी पड़ती है। न्यायालय उसे दिवालिया घोषित कर आंशिक रूप् से ऋण चुकाने की अनुमति दे देता है जिससे वह अपने ऋण से मुक्त हो जात है.
Bad Debts / ऋण:-
ऋणी की असमर्थता अथवा दिवालिया हो जाने के कारण जो रकम वसूल नहीं हो पाती, लेनदार के लिये डूबत-ऋण या अ्रप्राप्य ऋण कहलाती है।
Accounting Vouchers in Tally ERP 9 / Prime Notes in Hindi.(नए ब्राउज़र टैब में खुलता है)
नामे और जमा (Debit and Credit) :-
प्रत्येक खाते के दो पक्ष होते है। बायें पक्ष को नामे क्मइपज या विकलन तथा दाहिने पक्ष को जमा ब्तमकपज या समाकलन कहते है। किसी खाते केे बाएं पक्ष में लेखा करना नामे लेखा कहलाता है है जिसे परम्परागत रूप से संक्षेप में Dr. लिखते है इस प्रकार खाते के दाहिने पक्ष में लेखा करना जमा लेखा कहलाता है जिसे परम्परागत रूप से Cr. लिखते है। यह उल्लेखनीय है कि भारतीय बहीखाता प्रणाली में नामे पक्ष दाहिनी ओर तथा जमा बायीं ओर हेाता है ।
Commission / कमीशन या वर्तन:-
व्यापारिक कार्याे में सहयोग करने अथवा प्रतिनिधित्व करने के प्रतिफल में प्रतिनिधि या अभिकर्ता को जो पारिश्रमिक दिया जाता है उसे कमशीन कहते है .
फर्म (Firm) :-
सामान्य अर्थ में फर्म से आशय उस संस्था से है जो कि साझेदारी स्थापित कर व्यापारिक या व्यावसायिक कार्य करती है, किंतु व्यापक अर्थ में प्रत्येक व्यापारिक इकाई को फर्म के नाम से संबोधित किया जा कसता है ।
Account / Leger / खाता :- Tally Notes PDF in Hindi
लेजर या खाता एक तालिका है जिसमे सोैदा उनके स्वभाव के अनुसार वर्गीकृत करके एक र्शीषक के अंतर्गत एक स्थान पर क्रम से लिखा जाता है, सरल शब्दो में किसी व्यक्ति, सम्पत्ति तथा आय-व्यय आदि से संबधित लेखो को छांटकर जो सूची बनाई जाती है उसे Account / Leger / खाता कहते है।
Account शब्द का अंग्रेजी में संक्षिप्त रूप में A/c होता है। लेखो में प्रायः इस संक्षिप्त रूप का ही प्रयोग होता है और प्रत्येक खाता दो पक्षों में विभाजित रहता है। बाये पक्ष को नामे Debit और दाहिने पक्ष को Credit कहते है
ये भी पढ़े – टैली क्या है टैली के fullform और टैली के version.
How to Create Company in Tally ERP 9 Notes
टैली में कार्य करने के लिए इसमें उपयोगकर्ता को मुख्यतः 4 कार्य करने होतेहैं –
- Company Creation (कम्पनीबनाना)
- Ledger Creation (लेजरबनाना)
- Inventory Management (स्टॉक प्रबंधन)
- Voucher Entry (वाउचरएंट्रीकरना)
जब हम पहली बार किसी व्यवसाय, शॉप, संस्था या फर्म को टैली में मैनेज करना चाहते हैं , तो सबसे पहले उस फर्म के नाम से कम्पनी तैयार करनी होगी । यह कम्पनी टैली में कार्य की शुरूआत करने से पहले बनाई जाती हैं ।
Company Creation Tally ERP 9 Notes (कम्पनी बनाना)
टैलीमें कम्पनी बनानेके लिए निम्नलिखित स्टेप का पालन करे –
1. कम्पनीइन्फों मैन्यू में जाये
2. Create Company का ऑप्शन को सेलेक्ट करे
3. शॉर्टकट key Alt + F1 या शॉर्टकट key Alt + F3 मे जाकरCreate Company विकल्पचुनें ।
इस विकल्प को चुनते ही हमारे सामने company creation का window खुलेगा जिसमे मांगे गए जानकारी को भरे और Ctrl+A button प्रेस कर सेव करे.
Details to be filled in company creation window
Fill Basic Data
- Directory – यह फील्ड पहले से ही भरा हुआ होता हैं इस फील्ड में टैली का वह पाथ होता हैं , जहाँ टैली सॉफ्टवेयर लोड होता हैं । कर्सर इस फील्ड को छोड़ देता हैं और बनाई जाने वाली कम्पनी स्वतः ही इस डायरेक्ट्री में स्टोर हो जाती हैं।
- Name – इस फील्ड में वह नाम एंटर करें , जिस नाम से कम्पनी बनाना चाहते हैं जैसे Trisha Pvt Ltd।
- Mailing Name – इस फील्ड में कम्पनी का मेलिंग नेम एंटर करें । सामान्यतः कम्पनी का नाम ही मैलिंग नेम होता है |
- Address – इसफील्ड में कम्पनीका पूरा पताएंटर किया जाताहैं ।
- State – इस फील्ड में उस राज्य को एंटर किया जाता हैं जिस राज्य में आपका कारोबार स्थापित हैं ।
- Pin Code – इस फील्ड में उस स्थान का पिन कोड एंटर करें , जहाँ कम्पनी स्थापित हैं ।
- Telephone Number – इस फील्ड में कम्पनी का टेलीफोन नम्बर एंटर करें ।
- E-mail Address – इस फील्ड में कम्पनी का ई – मेल एड्रेस एंटर करें ।
- Website – इस फील्ड में कम्पनी का वेबसाइट एंटर करें
Books and financial year details
- Financial Year From – इस फील्ड में वित्तीय वर्ष शुरू होने की तिथी एंटर करें जैसे – 01 – Apr – 2019
- Books Beginning From – इस फील्ड में बुक्स ऑफ एकाउंट्स शुरू करने की तिथी एंटर करें जैसे – 01 – Apr – 2019 ।
- Security Control – यदि आप कम्पनी पर सुरक्षा व्यवस्था सक्रिय करना चाहते हैं , तो इस ऑप्शन को यस करें और इसे यस करने के बाद इसमें यूजर नेम और पासवर्ड एंटर करें ।
Base Currency Information
ये सभी फील्ड ऑटोफिल होते है अपने आवश्यकता अनुसार चेंज कर सकते है
Base currency symbol
- Formal name
- Suffix symbol to amount?
- Add space between amount and symbol?
- Show amount in millions?
- Number of decimal places
- Word representing amount after decimal
- Number of decimal places for amount in words
अब अंतिम में सभी जानकारी भरने के बाद ,एंटर बटन दबाकर या Ctrl + A बटन दबाकर जानकारी को सेव कर ले।
Select company in tally कम्पनी सलेक्ट करना Tally ERP 9 Notes
Gateway of Tally – F1 ( Select Company )
या
Gateway of Tally – Alt + F1 ( Select Company )
या
Gateway of Tally – Alt + F3 ( Select Company )
Alter company in tally कम्पनी में सशोधन करना – Tally ERP 9 Notes
यदि आप पहले से बनाई हुई कम्पनी में किसी प्रकार का परिवर्तन करना चाहते हैं , तो गेटवे ऑफ टैली से F1 कुंजी दबाकर वह कम्पनी सलेक्ट करें , जिसमें आप परिवर्तन करना चाहते हों । कम्पनी सलेक्ट करने के बाद Alt + F3 कुंजी दबाए , जिससे कम्पनी इन्फों मैन्यू प्रदर्शित होगा । यहाँ से ऑल्टर ऑप्शन सलेक्ट करें । इससे कम्पनी ऑल्टरेशन स्क्रीन प्रदर्शित होगी । आप इसमें परिवर्तन करने के बाद इसे सेव कर दें ।
- Gateway of Tally
- Press F1 ( Select the Company )
- Alt + F3
- Alter ⇨ Select company
Delete comapy in tally कम्पनी हटाना – Tally ERP 9 Notes
किसी भी company को delete करने के लिए पहले उस company को select करें । फिर Alt + F3 कुंजी दबाकर कम्पनी इन्फों मैन्यू से Alter ऑप्शन सलेक्ट करें । जिस कम्पनी को डिलीट करना चाहते हैं उसे सलेक्ट करें और सलेक्ट करने के बाद उसे Alt + D कुंजी का प्रयोग करें । जिससे सलेक्ट की हुई कम्पनी डिलीट हो जायेगी ।
- Gateway of Tally
- Press F1 ( Select the Company ) Alt + F3
- Alter
- Select company
- Alt + D
What is Ledger and how to create in tally Tally ERP 9 Notes?
What is Ledger and how to create in tally?
Creating a Ledger in Tally – Tally ERP 9 Notes
Account / Ledger / खाता :- लेजर या खाता एक तालिका है जिसमे सोैदा उनके स्वभाव के अनुसार वर्गीकृत करके एक र्शीषक के अंतर्गत एक स्थान पर क्रम से लिखा जाता है सरल शब्दो में किसी व्यक्ति, सम्पत्ति तथा आय-व्यय आदि से संबधित लेखो को छांटकर जो सूची बनाई जाती है उसे खाता या लेजर है।
Account शब्द का अंग्रेजी में संक्षिप्त रूप में A/c होता है। लेखो में प्रायः इस संक्षिप्त रूप का ही प्रयोग होता है और प्रत्येक खाता दो पक्षों में विभाजित रहता है। बाये पक्ष को नामे Debit और दाहिने पक्ष को Credit कहते है टैली में लेजर या खाता बनाना (): – टैली में लेजर बनाने के लिए निम्नलिखित स्टेप का पालन करते है –
- Gateway of Tally
- Accounts Info
- Ledgers
- Create
इन स्टेप का पालन करने पर इसका डायलाॅÛ बाक्स दिखाई देता है
टैली में हम दो प्रकार से खाता निर्माण कर सकते है 1. Single Ledger 2. Multipal Ledger
1. Single Ledger – इस ऑप्शन के माध्यम से एक बार में केवल एक ही खाता निर्माण कर सकते है
2 . Multipal Ledger – इस ऑप्शन के माध्यम से एक बार में एक से अधिक खातों निर्माण कर सकते है
Groups in Tally ERP 9 Notes in Hindi : Tally Notes PDF in Hindi
Tally Ledger Group Hindi क्या है? – हिंदी में खातो / ledger का समूह है जिसके द्वारा टैली हमारे बनाये हुए खाता / account को identify करता है जिससे वे लेनदेन को समझ कर हमें परिणाम देता है.
यह एक महत्वपूर्ण fact है जिसके माध्यम से टैली लेनदेनो को समझता है, जैसे – SMS charge account यह एक प्रकार का expense है जिसे हमें टैली को बताना पड़ता है की यह indirect expense है इसलिए टैली में group तैयार किया गया है जिससे टैली हमारे लेनदेन को पहचान सके और हमें सही परिणाम देगा.
अगर हम SMS charge account को indirect expense के बदले indirect income group में डालेंगे तो टैली इसे income के रूप में लेगा. इसलिए टैली में group को सही डालना बहुत आवश्यक है.
Tally में पूर्व में बने हुए group –
Ledger | Under Group |
Opening stock | Stock in hand |
Purchase, Purchase return | Purchase account |
Fright charges Carriage inwards or Purchases Cartage and coolie Octroi Manufacturing wages Coal, gas, water Oil and fuel Factory rent, insurance, electricity, lighting and heating | Direct expenses |
Sales | Sales account |
Salary Postage and telegrams a/c Telephone charges A/c Rent paid a/c Rates and taxes Insurance a/c Audit fees Interest on bank loan Interest on loans paid Bank charges Legal charges Printing and stationery General expenses Sundry expenses Discount allowed Carriage outwards or sales Traveling expenses Advertisement Bad debts Repair renewals Motor expenses | Indirect expenses |
Depreciation on assets | Indirect expenses |
Interest on investment received Interest on deposit received Interest on loans received Commission received Discount received Rent received Dividend received Bad debts recovered Profit by sale of assets | Indirect Income |
Sundry income | Indirect income |
Loan from others | Loan Liabilities |
Bank loan | Loan Liabilities |
Bank overdraft | Bank OD |
Bills payable | Current Liabilities |
Sundry creditors | Sundry creditors |
Mortgage loans | Secured loans |
Expense outstanding a/c Income received in advance a/c | Current Liabilities |
Other liabilities | Current Liabilities |
Capital | Capital account |
Drawings | Capital account |
Cash in hand | Cash in hand |
Cash at bank | Bank account |
Fixed deposit at bank | Deposit |
Investments | Investments |
Bills receivable | Current asset |
Sundry debtors | Sundry debtors |
Closing stock | Stock in hand |
Stock of stationery | Current asset |
Loose tools a/c Fixtures and fittings a/c Furniture a/c Motor vehicles a/c Plant and machinery a/c Land and building a/c Leasehold property a/c | Fixed asset |
Patents a/c | Fixed asset |
Goodwill a/c | Fixed asset |
Prepaid expenses a/c | Current asset |
Income outstanding a/c | Current assset |
Mode of Accounting – Tally ERP 9 Notes
Single Entry Systems
Single Entry Systems लेन-देनों को entry करने का एक सिम्पल तरीका है जिसमें केवल आय और व्यय से सम्बधित खातों का ही entry किया जाता है। singhle entry system छोटे साईज के व्यवसाय के लिए उपयोगी होता है।singhle entry system को मैनेज करना आसान होता हैं।
दोहरा लेखा प्रणाली का आशय एंव परिभाषा
Meaning and Definition of Double Entry System
दोहरा लेखा प्रणली व्यावसायिक व्यवहारों को लेखा पुस्तकों में लिखने की वह प्रणाली हेै जिसमें इस मान्यता के आधार पर लेखा किया जाता है कि प्रत्येक व्यवहार के दो प्रभाव होते है, जो कि दो भिन्न-भिन्न खातों लेन-देन का किसी भिन्न पक्षों को प्रभवित करते है।
प्रत्येक वित्तीय लेन-देन का किसी एक खाते के नामें (Debit or Dr.) में और किसी दूसरे संबंधित खाते के जमा (Credit or Cr.) किया जाता है। इसी प्रकार दायित्व, पूंजी एवं आय में कमी डेबिट एवं इनमें वृद्धि को क्रेडिट किया जाता है इस प्रकार प्रत्येक डेबिट के लिये क्रेडिट होता है तथा इस आधार पर लेखा करने को ही दोहरा लेखा प्रणाली कहते है।
Basic Accounting
Golden Rules of Accounting – मुख्य रूप से एकाउंटिंग में तीन प्रकार के अकाउंट या खाते होते है –
- Personal Account
- Real Account
- Nominal Account
Personal Account : Tally Notes PDF in Hindi
Personal Account जिसे हिंदी में व्यक्तिगत खाता के नाम से जाना जाता है इस प्रकार के account में किसी व्यक्ति से सम्बंधित होता है और इस खाते का एकाधिकार होता है Personal Account कहलाता है, जैसे – Ram A/c, Ramesh A/c, Laxmi A/c.
Personal account (व्यकतिगत खाता) के Golden Rules
Receiver (पाने वाला) – Debit (Dr.)
Giver (देने वाला) – Credit (Cr.)
Example – Ramesh ने मोहन को 100 रूपये दिए.
इस example में Ramesh और मोहन के बीच लेनदेन हो रहा है और दोनों व्यक्ति है और खाते का हक़दार वह अकेले है, इस प्रकार यह व्यक्तिगत खाता के वर्ग में आएगा. उपरोक्त उदाहरण में मोहन पाने वाला है और रमेश देने वाला है, इस प्रकार इसका voucher entry इस प्रकार होगा –
Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग
Mohan A/c Dr. – 100
Ramesh A/c Cr. – 100
Real Account
Real Account जिसे हिंदी में वास्तविक खाता के नाम से जाना जाता है, यह व्यापार की सम्पत्ति से सम्बंधित होता है, Real Account कहलाता है, जैसे – Purchase A/c, Sales A/c, Fixed Assets A/c.
Types of Real Account
- Tangible accounts. (मूर्त खाता)
- Intangible accounts. (अमूर्त खाता)
Tangible accounts. (मूर्त खाता)
Tangible खाता जिसे हिंदी में हम मूर्त खाता के नाम से जानते है, ये खाते व्यापार के सम्पति से जिसे छु या देख सकते है मूर्त खाता के नाम से जाना जाता है. for example – Building A/c, Cash A/c, Goods A/c इत्यादि.
Intangible accounts. (अमूर्त खाता)
Tangible खाता जिसे हिंदी में हम अमूर्त खाता के नाम से जानते है, ये खाते व्यापार के सम्पति से जिसे छु या देख नही सकते है अमूर्त खाता के नाम से जाना जाता है. for example – Goodwill, Patent, Copyright, Trademark इत्यादि.
Real account (वास्तविक खाता) के Golden Rules
Whats Come in (जो आता है ) – Debit (Dr.)
Whats Goes in (जो जाता है ) – Credit (Cr.)
Example – श्री तृषा कंप्यूटर से लखन ट्रेडर्स 15000 रूपये का computer system ख़रीदा. लखन ट्रेडर्स
इस example में श्री तृषा कंप्यूटर से computer system ख़रीदा जा रहा है. उपरोक्त उदाहरण में computer system हमें प्राप्त हो रहा है जो की मूर्त सम्पत्ति है और नगद रूपये जा रहा है या भी मूर्त सम्पत्ति, इसलिए इसका voucher entry इस प्रकार होगा –
Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग
Computer System A/c Dr. – 15000
Cash A/c Cr. – 15000
Nominal Account
Nominal Account जिसे हिंदी में आय-व्यय खाता के नाम से जाना जाता है इस प्रकार के account में किसी आय-व्यय खाता से सम्बंधित होता है, Nominal Account कहलाता है, जैसे Rent A/c, commission received A/c, salary A/c, wages A/c, conveyance A/c, इत्यादि.
Nominal account (आय-व्ययखाता) के Golden Rules
All Expenses & Losses (सभी व्यय और हानि) – Debit (Dr.)
All Income & Gains (सभी आय और लाभ) – Credit (Cr.)
Example – बिजली बिल के 1000 रूपये दिए.
इस example में बिजली बिल भुगतान लेनदेन हो रहा है और एक Electricity Bill account जो की Expenses जो Nominal account है इसी प्रकार cash account Real account है. इस प्रकार इसका voucher entry इस प्रकार होगा –
Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग
Electricity Bill A/c Dr. – 1000
cash A/c Cr. – 1000
Golden Rules of Accounting – Tally ERP 9 Notes
Personal Accout | Real Account | Nominal Account | |
---|---|---|---|
Debit | Receiver | Whats Come In | All Expenses & Loss |
Credit | Giver | Whats Goes Out | All Income & Gains |
निम्नलिखित व्यवहारों को श्री राम कम्पयूटर्स की पुस्तक में नकल प्रविष्टियां (Journal Entry) करिये –
2015
(1) नगद धन 18,000 रू और प्रिंटर – 12 नग, रेट-10,000 पर पिं्रटर, माॅनीटर – 12 नग, रेट- 4500, सी.पी.यू – 12 नग, रेट – 8000, की-बोर्ड – 12 नग, रेट-250, माउस – 12नग, रेट- 190, पर नग से व्यापार प्रारंभ कियां।
(2) कलर पिं्रटर खरीदा 10 नग, पर नग रेट – 8000 रूपये।
(3) रमेश को एक कलर प्रिंटर 10000 में बेचा।
(4) एक कलर प्रिंटर 10000 में बेचा।
(5) रमेश से 10000 रूपये प्राप्त हुआ।
(6) एच पी कम्पनी से ब्लैक एंड व्हाइट 10 प्रिंटर 7500 प्रति नग से खरीदा।
(7) एच पी कम्पनी को पेयमेंट किया।
Accounting Vouchers in Tally ERP 9 Notes
एकाउंटिंग वाउचर वह वाउचर है जिमसे वितीय लेनदेनो के हिसाब किताब रखा जाता है
Types of Accounting Vouchers
Contra Voucher (F4) | Payment Vouchers(F5) | Receipt Voucher (F6) |
Journal Vouchers (F7) | Sales Vouchers (F8) | Credit Note Voucher (Ctrl + F8) |
Purchase Vouchers (F9) | Memo Voucher (Ctrl + F10) | Debit Note Voucher ( Ctrl + F9) |
1- Contra Voucher :-
कोन्ट्रा प्रविष्टि निम्नाकिंत प्रकार के फंड स्ािानांतरण को दर्शाता है।
• Cash A/c To Bank A/c
• Bank A/c To Cash A/c
• Bank A/c to Bank A/c
Contra Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- press F4 Button
2. Payment Voucher :-
इस वाउचर का प्रयोग टेली में भुगतान सम्बधित व्यवहारो के लिए किया जाता है।
Payment Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- F5 Button press
3. Journal Voucher :-
यह एक एकांउटिंग वाउचर है इसका उपयोग डेबिट और क्रेडिट राशि को नगद अथवा बैंक खातो में शामिल किये बिना समायोजित करने के लिये किया जाता है।
Journal Voucher :- का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- F7 Button press
Receipt Voucher :-
यह एक एकांउटिंग वाउचर है। इसका उपयेाग किसी पार्टी या दूसरे प्रकार से पेयमेंट या राशि प्राप्त होने पर इस वाउचर का उपयोग किया जाता है।
Receipt Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- press F6 Button
Sales Voucher :-
यह एक एकांउटिंग वाउचर है इसका उपयोग विक्रय संबधी लेने – देन होने पर किया जाता है।
Sales Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है –
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- F8 Button press
Purchase Voucher :-
यह एक एकांउटिंग वाउचर है इसका उपयोग क्रय संबधी लेने – देन होने पर किया जाता है।
Purchase Voucher का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित स्टेप को पालन करते है
A- Gateway of Tally > Accounting Vouchers
B- F9 Button press
Golden Rules of Voucher Entry
key | Voucher | Dr/Cr | Cash Deposit | Dr/cr | Cash Withdraw |
F4 | Contra | Cr | To Cash A/c | Cr | To Bank A/c |
Contra | Dr | Bank A/c | Dr | Cash A/c | |
F5 | PAYMENT | Party Payment | Expences Payment | ||
PAYMENT | Dr | Party Name A/c | Dr | Expences A/c | |
PAYMENT | Cr | Cash / bank A/c | Cr | Cash / bank A/c | |
F7 | JURNEL | Purchase Return | Sales Return | ||
JURNEL | Dr | Party Name A/c | Dr | Sales Return | |
JURNEL | Cr | Purchase Return | Cr | Party Name A/c |
F6 | RECIPT | Party Receipt | Income Receipt | ||
RECIPT | Cr | Party Name A/c | Cr | Income Name A/c | |
RECIPT | Dr | Cash / bank A/c | Dr | Cash / bank A/c | |
F8 | SALES | Cash Sales | Credit Sales | ||
SALES | Dr | Cash / bank A/c | Dr | Party Name A/c | |
SALES | Cr | Sales A/c | Cr | Sales A/c | |
F9 | PURCHASE | Cash Purchase | Credit Purchase | ||
PURCHASE | Cr | Cash / bank A/c | Cr | Party Name A/c | |
PURCHASE | Dr | Purchase A/c | Dr | Purchase A/c |
Journalize the following transactions
1. Commenced business with cash Rs.10, 000.
2. Deposit into bank Rs. 15,000
3. Bought office furniture Rs.3,000
4. Soled goods for cash Rs.2,500
5. Purchased goods form Mr X on credit Rs.2,000
6. Soled goods to Mr Y on credit Rs.3,000
7. Received cash form Mr. Y on account Rs.2,000
8. Paid cash to Mr X Rs. 1,000
9. Received commission Rs. 50
10. Received interest on bank deposit Rs. 100
11. Paid into bank Rs. 1,000
12. Paid for advertisement Rs.500
13. Purchased goods for cash Rs. 800
14. Sold goods for cash Rs. 1,500
15. Paid salary Rs. 500
Key | Voucher | Ledger | Group | Type of account | Principles | Amount | |
1 | F6 | Receipt | Cr. Capital | Capital account | Personal | Giver | 10,000 |
Dr. Cash | Cash in hand | Real | Comes in | 10,000 | |||
2 | F4 | Contra | Cr. Cash | Cash in hand | Real | Goes out | 15,000 |
Dr. Bank | Bank account | Real | Comes in | 15,000 | |||
3 | F5 | Payment | Dr. Office furniture | Fixed asset | Real | Comes in | 3,000 |
Cr. Cash | Cash in hand | Real | Goes out | 3,000 | |||
4 | F8 | Sales | Dr. Cash | Cash in hand | Real | Comes in | 2,500 |
Cr. Sales | Sales account | Real | Goes out | 2,500 | |||
5 | F9 | Purchase | Cr. X | Sundry creditor | Personal | Giver | 2,000 |
Dr. purchase | Purchase account | Real | Comes in | 2,000 | |||
6 | F8 | Sales | Dr. Y | Sundry debtors | Personal | Receiver | 3,000 |
Cr. Sales | Sales account | Real | Goes out | 3,000 |
7 | F6 | Receipt | |||||
Dr. cash | Cash in hand | Real | Comes in | 2,000 | |||
8 | F5 | Payment | Dr. X | Receiver | 1,000 | ||
Cr. Cash | Cash in hand | Real | Goes out | 1,000 | |||
9 | F6 | Receipt | Cr. commission | Indirect income | Nominal | Credit all income | 50 |
Dr. cash | Cash in hand | Real | Comes in | 50 | |||
10 | F6 | Receipt | Cr. Interest on bank deposit | Indirect income | Nominal | Credit all income | 100 |
Dr. Bank | Bank account | Real | Comes in | 100 | |||
11 | F4 | Contra | Cr. Cash | Cash in hand | Real | Goes out | 1,000 |
Dr. Bank | Bank account | Real | Comes in | 1,000 | |||
12 | F5 | Payment | Dr. Advertisement | Indirect expenses | Nominal | Debit all expenses | 500 |
Cr. Cash | Cash in hand | Real | Goes out | 500 | |||
13 | F9 | Purchase | Cr. Cash | Cash in hand | Real | Goes out | 800 |
Dr. purchase | Purchase account | Real | Comes in | 800 | |||
Cr cash | |||||||
14 | F8 | Sales | Dr. cash | Cash in hand | Real | Comes in | 1,500 |
Cr. Sales | Sales account | Real | Goes out | 1,500 | |||
15 | F5 | Payment | Dr. salary | Indirect expense | Nominal | Debit all expenses | 500 |
Cr. Cash | Cash in hand | Real | Goes out | 500 |
Stock Management or Inventory Management – Tally ERP 9 Notes
किसी कंपनी की व्यापारिक वस्तुएं, कच्चा माल, तैयार माल और अधूरा माल जो बिका नही है, को स्टाॅक सूची के रूप में जाना जाता हैै। स्टाॅक सूची वर्तमान संपत्तियों मे से एक है।
टेली स्टाॅक सूची प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है
Stock Group :-
स्टाॅक समूह लाक्षणिक आधार पर स्टाॅक मदो या स्टाॅक आइटम का वर्गीकरण करने में सहायक होते है
निर्माण – Gateway of Tally > Inventory Info > Stock Group> Single Stock Group > Create
Stock Categories :-
स्टाॅक के उत्तम रखरखाव हेतू टेली में स्टाॅक श्रेणी बनाए जा सकते है
उदाहरण:-
Hardware
Software
निर्माण – Gateway of Tally > Inventory Info > Stock Categories> Single Stock Categories > Create
Stock Item :-
यह कंपनी द्धारा निर्मित अथवा व्यापार में क्रय और विक्रय किये गये माल बताता है यह प्राथमिक स्टाॅक सूची की एंट्री है । उपयोगकर्ता को प्रत्येक स्टाॅक सूची के लिये मद बनाना होगा । जिसका हिसाब रखना है
निर्माण – Gateway of Tally > Inventory Info > Stock Item> Single Stock Item > Create
Uint of Measure (माप की इकाई बनाना) – Tally ERP 9 Notes
स्टाॅक मद एक प्रकार के माप के आधार पर बेचे या खरीदे जाते है। टेली में स्टाॅक् मद हेतू माप का निर्माण करना आवश्यक है। माप की इकाई संख्या मीटर, किलोग्राम एवं संख्या या पैकेट हो सकते हैं।
इसे बनाने हेतू Gateway of Tally > Inventory Info> Units of Measure>Create पर जाये। इकाई निमार्ण स्नक्रीन निम्नानुसार दिखाई देगी।
Example – 1. Number – No, Killogram – Kg, Quntity – Qty, Piceces – Pcs
माप की इकाई को डिलिट करने के लिए Alt+D बटन दबाकर इकाई को हटाया जा सकता है
Godown (गोदाम / स्थान बनाना)
गोदाम वो जगह है जहां स्टाॅक को स्टोर या संग्रह कर रखा जाता हैं। टेली में उपयोगकर्ता गोदाम का नाम परिभाषित कर सकता है। जैसी – Home Godown और Office Godwon.
इसे बनाने हेतू इन स्टेप्स को फॉलो करे –
Gateway of Tally >
Inventory Info >
Single Godowns >
Create
पर जाये।
गोदाम निमार्ण स्क्रीन निम्नानुसार दिखाई देगी।
Price Level (मूल्य सूची बनाना)
यह विभिन्न उद्देश्यो के लिए आवश्यक है कि सूची अपडेट हो। टेली मात्रा के अनुरूप मूल्य का निर्धारण करने की अनुमित देता है। उपयोगकर्ता एक से अधिक मूल्य सूची बना सकता है।
कंपनियों को एक से अधिक मूल्य सूची की आवश्यकता विभिन्न उद्देश्यों हेतू हो सकता है।
इसे बनाने हेतू Gateway of Tally > Inventory Info> Price Levels>Createपर जाये।
Inventory Voucher – Tally ERP 9 Notes
जिस तरह लेखांकन प्रणाली में लेखांकन वाउचर का काम होता है। उसी तरह इनवेन्टरी वाउचर में होता है। यह प्राप्त अथवा भेजे गए माल/स्टाॅक का अभिलेखा रखता है इसे देखने के लिये Gateway of Tally > Accounting Vouchers पर जाएं। इनवेन्टेरी वाउचर्स पर कार्य करने हेतम Integrate Accounts and Inventory को F:12 Feature में Yes करें।
इनवेन्टरी वाउचर के प्रकार:
1.Receipt Note
2. Delivery Note
3. Rejection Out
4. Rejection In
5. Stock Journal
6. Physical Stock
7. Sales Order
8. Purchase Order
क्रय एवं विक्रय आदेश की कार्यवाही:- क्रय हेतु सप्लायर को आपूर्ति के लिये अथवा ग्राहक से क्रय आदेश प्राप्त करने के उद्देश्य से आदेश संसाधन की कार्यवाही की जाती है।
टेली में आदेश संसाधन की कार्यवाही इनवेन्टरेी से जुडी होती है टेली द्धारा क्रय और विक्रय आदेश बनाये जा सकते है। क्रय आदेश बना, मुद्रित कर आपूर्ति को भेजे जाते है।
प्राप्त माल, क्रय आदेश एवं इनवाॅइसों से जुडै होते है । आदेशित वस्तु की स्थिती स्टाॅक सरांश में दिखाई देती है क्रय आदेश पुस्तिकों मेे सभी क्रय आदेशों की सूची होती है।
इसी तरह प्राप्त विक्रय आदेशों के लिए भी कार्यवाही की जा सकती है इन्हें विक्रय आदेश प्रविष्टि में रिकार्ड किया जाता हैै
Tax Management in Tally — Tally ERP 9 Notes
भारत में व्यवसायिक संस्थाओं पर विभिन्न प्रकार के कर लागू होते है । टेली, वर्तमान तिथि तक लागू सभी करें के प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है कुछ सामान्य कर निम्न हैै:
GST Goods and Service Tax (गुड्स एवं सर्विस टैक्स) : Tally Notes PDF in Hindi
GST का पूर्ण नाम Goods and Service Tax है यह एक Indirect Tax है की जो भारत सरकार द्वारा लिया जाता है यह भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 में लागू किया गया है यह अन्य टैक्स जैसे उत्पाद कर, विक्रय कर, वैट एवं अन्य लगभग 50 से अधिक करो को मिलाकर जीएसटी का निर्माण किया गया है जिससे की टैक्स को सरल किया जा सके. इस GST काउंसिल द्वारा मैनेज किया जाता है जिसमे वित्त मंत्री की अगुवाई में पुरे काउंसिल कार्य करता है .
GST को एक राष्ट्र एक कर भी कहा जाता है
GST की दरे
5%
12%
18%
28%
https://www.cbic-gst.gov.in/gst-goods-services-rates.html
Types of GST जीएसटी को तीन भागों में विभाजित किया गया है
SGST – State Goods and Service Tax
CGST – Central Goods and Service Tax
IGST – Integrated Goods and Service Tax
SGST – State Goods and Service Tax
स्टेट गुड्स एंड सर्विस टैक्स यह जीएसटी टैक्स स्टेट गवर्नमेंट को जाता है जैसे यदि कंप्यूटर खरीदें उसमें 18% जीएसटी लगाया जा रहा है तो उसमें 9 परसेंट एसजीएसटी के रूप में लगाया जाता है एसजीएसटी केवल स्टेट के अंदर ही खरीदी और बिक्री करने के लिए लगाया जाता है अर्थात स्टेट के अंदर कोई व्यक्ति माल खरीदना है और माल बेचता है तो उसे एसजीएसटी देना पड़ता है
CGST – Central Goods and Service Tax
सीजीएसटी 1 स्टेट के अंदर खरीदी और बिक्री करने पर लगाया जाता है जैसे मैं टीवी करता हूं उसके ऊपर 18 पर्सेंट जीएसटी दिया तो बिल में 9 परसेंट एसजीएसटी और 9 परसेंट सीजीएसटी के नाम से एंट्री के जाता है इस प्रकार कुल 18% जीएसटी लगाया गया
IGST – Integrated Goods and Service Tax
IGST इंटीग्रेटेड जीएसटी को जब हम एक किस स्टेट से दूसरे स्टेट में लेनदेन करते हैं तब आईजीएसटी लगाया जाता है जैसे मैं एक माल को मुंबई से लेकर आया और उसे छत्तीसगढ़ में बेचा तो इस प्रकार दो राज्यों के बीच में लेन-देन हो रहा है तो इस प्रकार के लेन दिनों में आईजीएसटी लगाया जाता है जैसे कि कोई मैं वाशिंग मशीन खरीद रहा हूं तो इसके ऊपर आईजीएसटी 18 परसेंट लगाया जाएगा
GST Number GSTIN
यह 15 अंको का होता है GSTIN का full form पूरा नाम – goods and service tax tax identification number होता है जिसे हम 5 भागों में बाट सकते है .
- State Code
- PAN Number
- Entity Number
- Z Defult Letter
- Check Sum Digit
GST in tally – Tally ERP 9 Notes
अगर हम टैली के जानकर है और टैली में कार्य करना चाहते है तो हमें टैली में gst का ज्ञान होना अतिअवश्यक है तो अब हम टैली में gst के बारे मे जानते है टैली में GST यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स जुलाई 2019 के बाद से जोड़ा गया है gst आपको टैली लेटेस्ट वर्शन tally erp 9 में देखने को मिल जायेगा
GST entry in tally – Tally ERP 9 Notes
tally में gst की entry करने लिए हमें इन चरणों का पालन करना होगा
- सबसे पहले आप gateway of tally पर जाये
- F11 features पर जाये
- कम्पनी features में जाकर Statutory and Taxation विकल्प को सेलेक्ट करें
- Statutory and Taxation में जाने के बाद आपको इसका डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा
- डायलॉग बॉक्स में Enable Goods and Service Tax को yes करें
- उसके बाद set / alter gst details को yes करें
- yes करते ही आपको इस तरह से स्क्रीन दिखाई देगा जिसमे हमें सम्पूर्ण जानकरी भरना होगा जैसे state, GST number, period of gst इत्यादी .
इन सभी जानकारियों को भरकर सेव करें और इस प्रकार हमारा gst टैली में activate हो जायेगा
अब आपको तीन प्रकार के लेजर क्रिएट करने होंगे
- SGST
- CGST
- IGST
SGST (state goods and service tax) जैसे कि आपको पहले से पता है की यह टेक्स स्टेट गवर्नमेंट को जाता है है और इससे हम टैली में sgst के नाम से लेजर बनाएंगे जिसमें हम sgst@9%, sgst@6%, sgst@14% के नाम से बना सकते है
इस लेजर को बनाते समय ध्यान में रखें की टाइप ऑफ टैक्स जीएसटी सेलेक्ट करें और उन्हें परसेंटेज देना ना भूलें इस प्रकार से भी जानकारी भरकर सुरक्षित करें
CGST (Central goods and service tax) जैसे कि आपको पहले से पता है की यह टेक्स सेे सेंेण्टरेल गवर्नमेंट को जाता है है और इससे हम टैली में cgst के नाम से लेजर बनाएंगे जिसमें हम cgst@9%, cgst@6%, cgst@14% के नाम से बना सकते है
चलिए अब तीनो लेजर बनकर तैयार है अब हम स्टॉक आइटम बना लेंगे stock item बनाते समय ध्यान रखे के set / alter gst details को yes करे और yes करते ही आपको GST Details for Stock Item में taxability को taxable करे और integrated tax rate डाले जैसे 18, 28, 12 or 5 अपने स्टॉक आइटम के gst दर अनुसार निरधारित करे .
और वाउचर में जाकर एंट्री करते हैं जैसे कि आप नीचे देख पा रहे हैं हमने स्टॉक आइटम प्रिंटर बनाया हुआ है जो कि एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम है जिसमें जीएसटी 18 परसेंट दिया जाना है यह लेनदेन 1 स्टेट के अंदर हो रहा है इसीलिए यहां पर सीजीएसटी 9 परसेंट आर एस जीएसटी 9% लगाया जा रहा है जैसे ही आप voucher entry एंट्री करेंगे अब आइटम एंट्री करने के बाद एक इंटर मार कर नीचे आ जाएंगे नीचे आते हैं सीजीएसटी और एसजीएसटी के लेजर को सेलेक्ट करते हैं ऑटोमेटिक आपका जीएसटी gst amount वाउचर में आने लगेगा
TDS (स्त्रोत कर की कटौती)
VAT (मूल्य योजित कर)
CST (केन्द्रीय बिक्री कर)
EXCISE (उत्पाद कर)
Tally Shortcut Keys – Tally ERP 9 Notes
- Save – Ctrl+A
- Delete Voucher – Alt+D
- Print – Alt+P
- Export – Alt+E
- F1-Select Company
- Alt+F1 – Shut Company
- F2 – Change Date
- Alt+F2 – Change Financial Year or Change Period
- F3 – Company Info
- DD – DayBook
- B – Balance Sheet
- DT – Trail Balance Sheet
- Ctrl+N – Calculator
- Ctrl+M – Main Window
- F11 – Feautres
- F12 – Configuration
- Alt+C. Secondary ledger creation
- V – voucher entry
- A – accounts info
- Enter – Save
backup and restore in tally in hindi – Tally Notes PDF in Hindi
Backup
इस ऑप्शन का उपयोग टैली में पहले से बने हुए कंपनी के डेटा को अन्य जगह ले जाने या किसी एक्सटर्नल स्टोरेज डिवाइस जैसे pendrive या CD में सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है
यह एक महत्वपूर्ण विकल्प जिसके द्वारा हम अपने कंपनी के डेटा को सुरक्षित रखते है जिससे हम अगर हमारा मुख्य डेटा किसी कारणवश डिलीट हो गया तो हम उसे वापस ला सकते हैं
Restore
tally erp 9 pdf
tally erp 9 gst notes pdf
Tally erp 9 practice book pdf free download hindi & English – Tally Notes PDF in Hindi
श्री R.K.Sonkar ट्रेडर्स धमतरी के पुस्तकों में निम्नलिखित लेनदेनो को एकाउंटिंग book में journal entry वित्तीय वर्ष 2021 – 2022 कीजिये.
- 200000 रूपये से श्री R.K.Sonkar ट्रेडर्स धमतरी प्राम्भ हुआ.
- 20000 का furniture ऑफिस के लिए ख़रीदा.
- 15000 रूपये का computer system ऑफिस के लिए ख़रीदा.
- 1000 जमा कर bank of baroda में current account खोला.
- बैंक ऑफ़ baroda में 1 लाख 50 हजार जमा किया.
- office maintance के 15 हजार रूपये cheque से payment किया गया.
- Office Painting के 2000 रूपये चेक से भुगतान किया.
- व्यापार के स्वामी ने स्वयं के उपयोग हेतु बैंक से 5000 रूपये निकला.
- 2000 रूपये flex प्रिंटिंग के दिए.
- bank से 5000 रूपये निकाले.
दोस्तों जैसे की हम अब tally erp 9 practice session, Tally Notes PDF in Hindi में पहुच चुके है उपर आपके लिए हमने 10 लेनदेन उदहारण स्वरूप दिए हुए है जब हम tally erp 9, tally prime में कार्य करेंगे तो हमारे पास इसी प्रकार का लेनदेन आपको मिलेंगे, जब आपको इस प्रकार के लेनदेन हो तो सबसे पहले आपको लेनदेन को समझना होगा और प्रत्येक लेनदेन से 2 ledger पहचान करना है और उनका under group पहचाने तो चलिये 2 ledger पहचान कर उनका under group निकालते है –
S.No. | Name of Ledger / Acccount in Question | Ledger Under Group |
1 | Capital A/c | Capital Account |
2 | Cash A/c | Cash Account |
3 | Furniture A/c | Fixed Assets |
4 | Computer System A/c | Fixed Assets |
6 | Bank of Baroda A/c | Bank Accounts |
7 | Office Maintenance A/c | Indirect Expenses |
8 | Drawing A/c | Capital Account |
9 | Printing Charge A/c | Indirect Expenses |
Note – प्रत्येक लेनदेन से 2 ledger पहचान कर हमने दो प्रकार के ledger find out किये है और उनका under group पहचाने लेकिन हमें यद् रखना कोई भी ledger एक ही बनेगा और cash account पहले से बना हुआ रहता tally erp 9 tally prime तो इसे और बनाने की जरूत नही है
अब ledger और under group निकालने के बाद हमें tally erp 9 tally prime में उपर निकाले ledger को ledger create करेंगे इसके बाद हम वाउचर एंटरी करेंगे –
Date | Particular | Dr. Amount | Cr. Amount | Voucher |
1-4-2021 | Capital A/c Dr. To Cash A/c Cr. (200000 रूपये से श्री R.K.Sonkar ट्रेडर्स धमतरी प्राम्भ हुआ) | 200000 | 200000 | Receipt Voucher F6 |
1-4-2021 | Furniture A/c Dr. To Cash A/C Cr. (20000 का furniture ऑफिस के लिए ख़रीदा) | 20000 | 20000 | Payemnt Voucher F5 |
1-4-2021 | Computer A/c Dr. To Cash A/c Cr. (15000 रूपये का computer system ऑफिस के लिए ख़रीदा) | 15000 | 15000 | Payemnt Voucher F5 |
1-4-2021 | Bank of Bank A/c Dr. to Cash A/c Cr. (1000 जमा कर bank ऑफ़ baroda में current account खोला) | 1000 | 1000 | Contra Voucher F4 |
1-4-2021 | Bank of Bank A/c Dr. to Cash A/c Cr. (बैंक ऑफ़ baroda में 1 लाख 50 हजार जमा किया) | 150000 | 150000 | Contra Voucher F4 |
1-4-2021 | Office Maintenance A/c Dr. To Bank A/c Cr. (office maintance के 15 हजार रूपये cheque से payment किया गया) | 15000 | 15000 | Payemnt Voucher F5 |
1-4-2021 | Office Maintenance A/c Dr. To Bank A/c Cr. (Office Painting के 2000 रूपये चेक से भुगतान किया) | 2000 | 2000 | Payment Voucher F5 |
1-4-2021 | Drawing A/c Dr. to Bank A/c Cr. (व्यापार के स्वामी ने स्वयं के उपयोग हेतु बैंक से 5000 रूपये निकला) | 5000 | 500 | Payment Voucher F5 |
1-4-2021 | Printing Expenses A/c Dr. to Cash A/c Cr. (2000 रूपये flex प्रिंटिंग के दिए) | 2000 | 2000 | Payment Voucher F5 |
1-4-2021 | Cash A/c Dr. to Bank of Baroda A/c Cr. (bank से 5000 रूपये निकाले) | 5000 | 5000 | Contra Voucher F4 |
लेनदेन 1 – दोस्तों इस लेनदेन में 2 लाख पूंजी लगाकर व्यापार शुरू किया इस लिए व्यापार का account Capital account होता है अतः पाने वाला Capital account Dr. और देने वाला cash account Cr. होगा.
लेनदेन 2 – दोस्तों इस लेनदेन में 20 हजार रूपये का furniture ख़रीदा गया है जो की हमारे लिए सम्पति होगा. अतः आने वाला furniture account Dr. और जाने वाला cash account Cr. होगा. (Golden Rules – Real Account)
लेनदेन 3 –दोस्तों इस लेनदेन में 15 हजार रूपये का Computer ख़रीदा गया है जो की हमारे लिए सम्पति होगा. अतः आने वाला Computer account Dr. और जाने वाला cash account cr. होगा. (Golden Rules – Real Account)
लेनदेन 4 –दोस्तों इस लेनदेन में 1 हजार रूपये से बैंक account ओपन किया जा रहा है. अतः पाने वाला bank account Dr. और देने वाला / जाने वाला cash account cr. होगा. (Golden Rules – पर्सनल / Real Account)
लेनदेन 5 –दोस्तों इस लेनदेन में 1 लाख 50 हजार रूपये से बैंक account जमा किया जा रहा है. अतः पाने वाला bank account Dr. और देने वाला / जाने वाला cash account cr. होगा. (Golden Rules – पर्सनल / Real Account)
लेनदेन 6 – दोस्तों इस लेनदेन में 15 हजार रूपये ऑफिस मरम्मत में व्यय किया जा रहा है. अतः पाने वाला Office maintance a/c Dr. और देने वाला / जाने वाला cash account cr. होगा. (Golden Rules – पर्सनल / Real Account)
लेनदेन 7 – दोस्तों इस लेनदेन में 2 हजार रूपये ऑफिस पेंटिंग में व्यय किया जा रहा है पेंटिंग वर्क भी एक प्रकार मरम्मत कार्य है इसलिए इसे हम Office maintance a/c में डालेंगे. अतः पाने वाला Office maintance a/c Dr. और देने वाला / जाने वाला cash account cr. होगा. (Golden Rules – पर्सनल / Real Account)
लेनदेन 8 – दोस्तों इस लेनदेन में 5 हजार रूपये व्यापार के स्वामी द्वारा स्वयं के खर्च हेतु अहरण किया जा रहा इसी कारण यह पूंजी का आहरण है. इसलिए इसे हम Drawing A/c में डालेंगे. अतः पाने वाला Drawing A/c Dr.. और देने वाला / जाने वाला bank account cr. होगा. (Golden Rules – पर्सनल Account)
लेनदेन 9 – दोस्तों इस लेनदेन में 2 हजार रूपये ऑफिस प्रिंटिंग में व्यय किया जा रहा है इसलिए इसे हम Printing Expenses A/c. में डालेंगे. अतः पाने वाला Printing Expenses A/c Dr. और देने वाला / जाने वाला cash account cr. होगा. (Golden Rules – पर्सनल / Real Account)
लेनदेन 10 – दोस्तों इस लेनदेन में 5 हजार रूपये से बैंक account से withdraw किया जा रहा है. अतः पाने वाला / आने वाला cash account Dr. और देने वाला bank account cr. होगा. (Golden Rules – पर्सनल / Real Account)
इस प्रकार आप journal entry का tally erp 9 practice का practice करें फिर आप इसे tally erp 9 / tally prime में जा कर voucher entry कर सकते है .
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