चीन ने लॉन्च किया UBIOS — दुनिया का नया फर्मवेयर स्टैंडर्ड

Sunil Bhargav
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BIOS/UEFI का अंत? कंप्यूटिंग उद्योग में सबसे बड़ा बदलाव!

टेक दुनिया में चीन ने एक बड़ी चाल चली है—
चीन ने आधिकारिक रूप से UBIOS (Unified Basic Input/Output System) नाम का नया फर्मवेयर स्टैंडर्ड लॉन्च किया है, जो आने वाले समय में BIOS और UEFI को रिप्लेस कर सकता है।

फर्मवेयर वह सॉफ़्टवेयर होता है जो कंप्यूटर ऑन होते ही सबसे पहले चलता है और हार्डवेयर को ऑपरेटिंग सिस्टम से जोड़ता है।
अब तक दुनिया भर में लगभग सभी कंप्यूटर UEFI या BIOS पर चलते हैं, लेकिन चीन का नया UBIOS इस पूरी दुनिया को बदल सकता है।




🔍 UBIOS क्या है?

UBIOS = Unified Basic Input/Output System

यह चीन द्वारा विकसित एक ओपन, कस्टमाइज़ेबल, और सुरक्षित फर्मवेयर आर्किटेक्चर है।
इसका उपयोग:

  • कंप्यूटर

  • सर्वर

  • लैपटॉप

  • एम्बेडेड सिस्टम

  • इंडस्ट्रियल मशीनें

में किया जा सकता है।

सबसे बड़ा दावा यह है कि UBIOS पूरी तरह चीन का स्वदेशी टेक्नोलॉजी स्टैंडर्ड है—एक भी लाइन अमेरिका के Intel/AMD वाले UEFI कोड पर निर्भर नहीं।


🧠 UBIOS किसने बनाया?

चीन के 13 सबसे बड़े टेक समूहों ने मिलकर इसे बनाया है:

  • Huawei

  • Loongson

  • China Electronics Standardization Institute

  • China Industrial Control Systems

  • कई सरकारी तकनीकी संस्थान

ये सभी मिलकर “China Electronics Standardization Institute (CESI)” के तहत काम कर रहे हैं।
इसका मकसद:

“चीन की टेक्नोलॉजी को विदेशी निर्भरता से मुक्त करना।”


🏆 UBIOS की ज़रूरत क्यों पड़ी?

मुख्य 4 कारण:

1. अमेरिका से टेक्नोलॉजी विवाद

चीन पर अमेरिका लगातार टेक बैन, एक्सपोर्ट कंट्रोल, चिप बैन लागू कर रहा है।
UEFI (जो अमेरिका की कंपनियों ने बनाया है) पर निर्भरता चीन के लिए रणनीतिक जोखिम थी।

2. UEFI का कॉम्प्लेक्स और क्लोज़्ड सोर्स होना

UEFI बहुत बड़ा और जटिल है, और इसका बहुत हिस्सा बंद-सोर्स है।
इससे:

  • सुरक्षा खतरे रहते हैं

  • चीनी कंपनियाँ पूरी तरह इसे कंट्रोल नहीं कर सकतीं

3. राष्ट्रव्यापी Tech Independence मिशन

चीन का लक्ष्य है कि 2030 तक सभी महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी—
चिप्स, फर्मवेयर, नेटवर्क—पूरी तरह स्वदेशी हों।

4. ARM, RISC-V, Loongson, Kunpeng जैसी नई CPU आर्किटेक्चर

UEFI नई आर्किटेक्चर के लिए पूरी तरह लचीला नहीं था।
UBIOS उन्हें शुरुआत से सपोर्ट करता है।


🔧 UBIOS कैसे काम करता है?

UBIOS एक मॉड्यूलर फर्मवेयर है।
इसके 3 मुख्य लेयर हैं:

✔ 1. Hardware Initialization Layer

CPU, RAM, I/O, PCIe जैसे हार्डवेयर इनीशियलाइज़ करता है।

✔ 2. Security & Boot Management Layer

  • Secure Boot

  • Verified Boot

  • Firmware Encryption

  • Anti-Tampering सिस्टम

सब इसमें शामिल हैं।

✔ 3. OS Boot Interface Layer

Windows, Linux, HarmonyOS, और अन्य OS को सपोर्ट करता है।


💡 UBIOS के मुख्य फीचर्स

⭐ 1. राष्ट्रीय सुरक्षा स्तर की सुरक्षा (Military-grade security)

UEFI में बहुत से ज़ीरो-डे सुरक्षा खतरे पाए जाते हैं।
UBIOS में:

  • Firmware-level encryption

  • Hardware-bound identity

  • Tamper detection

  • Signed boot system

चीन इसे “World’s Most Secure Firmware Stack” बता रहा है।


⭐ 2. मल्टी-आर्किटेक्चर सपोर्ट

UBIOS सिर्फ x86 तक सीमित नहीं — यह सपोर्ट करता है:

  • ARM

  • RISC-V

  • Loongson (China’s own CPU)

  • Zhaoxin

  • Kunpeng CPU

यह दुनिया के पहले फर्मवेयर में से एक है जो RISC-V को नेचुरली सपोर्ट करता है।


⭐ 3. Modularity (सॉफ्टवेयर जैसा फर्मवेयर)

UEFI बहुत भारी था।
UBIOS में:

  • हल्का

  • तेज

  • कम footprint

  • आसानी से अपडेटेबल

  • अलग-अलग इंडस्ट्री के लिए कस्टमाइज करने योग्य


⭐ 4. Complete China-Controlled Tech

कोड, स्टैंडर्ड, डेवलपमेंट—सब चीन में कंट्रोल होगा।
ना Intel, ना AMD, ना अमेरिकी सरकार —
किसी बाहरी देश का इसके विकास में दखल नहीं।


🔥 क्या UBIOS दुनिया का नया स्टैंडर्ड बन सकता है?

संभावना है हाँ, क्योंकि:

  • चीन दुनिया का सबसे बड़ा कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता है।

  • अगर चीन अपने सभी उत्पादों में UBIOS अनिवार्य कर दे,
    तो करोड़ों डिवाइस UBIOS पर चलने लगेंगे।

यह UEFI के लिए बड़ा खतरा है।


🌍 क्या इसका असर बाकी दुनिया पर पड़ेगा?

✔ भारत सहित एशियाई देशों में इसका तेजी से अपनाया जाना संभव

चीन में बने लाखों सिस्टम भारत में आते हैं—अगर वे UBIOS के साथ आएँगे, तो भारत में भी यह तेजी से फैलेगा।

✔ अमेरिकी कंपनियाँ टेंशन में?

संभावना है:

  • Intel/AMD पर निर्भरता कम

  • अमेरिकी UEFI नियंत्रण कम

  • ओपन वर्सेस क्लोज्ड फर्मवेयर की नई बहस शुरू

✔ साइबरसिक्योरिटी में बड़ा बदलाव

अगर UBIOS सुरक्षित साबित होता है, तो दुनिया भर में नए फर्मवेयर स्टैंडर्ड बनने शुरू हो सकते हैं।

  • और नया

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